यहां चांदी की होलिका और सोने के प्रह्लाद की होती है पूजा भीलवाड़ा. जिले के हरणी गांव में होलिका दहन को लेकर लोगों ने अनूठी पहल की है. यहां पिछले दिनों दशकों से होलिका दहन के स्थान पर चांदी की होली और सोने के भक्त प्रह्लाद की पूजा की जाती है. भीलवाड़ा शहर से सटे छोटे से हरणी गांव में 70 साल पहले होलिका दहन के दौरान आगजनी हुई थी, जिसकी वजह से ग्रामीणों ने एक अनूठा कदम उठाया था. यह कदम आज भी पूरे देश के लिए एक मिसाल बना हुआ है.
दरअसल, जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर हरणी गांव में आज से 70 साल पहले होलिका दहन के दौरान उठी चिंगारी ने पूरे गांव को आग की चपेट में ले लिया था. जिसके कारण लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. इसके बाद ग्रामीणों ने गांव की पंचायत बुलाई और सर्वसम्मति से निर्णय लिया की गांव में अब होलिका दहन नहीं होगा.
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ग्रामीणों ने एकत्रित किया चंदाःहरणी गांव में रहने वाले पंडित गोपाल शर्मा ने बताया कि पंचायत फैसले से ग्रामीणों ने चंदा एकत्रित कर चांदी की होली और सोने का प्रहलाद बनवाया. ग्रामवासी होली के पर्व पर गांव में ही स्थित 5 सौ साल पुराने श्री हरणी श्याम मंदिर से शोभायात्रा के रूप में होलिका दहन के स्थान पर लाया जाता है. यहां लोग पूजा अर्चना करते हैं और बाद में मंदिर में ले जाकर रख दिया जाता है. यह परंपरा तब से लेकर आज तक अनवरत निभाई जा रही है.
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ग्रामीण महादेव जाट ने इस पंरपरा के बारे में बताया कि इस निर्णय के बाद कभी गांव में होलिका दहन नहीं की गई. जिसके कारण आगजनी रूकी और इस परंपरा से पेड़-पौधे बच जाते हैं, जिसकी वजह से पर्यावरण संरक्षण भी हो रहा है. इसी गांव के रहने वाले मोहन लाल ने कहा कि हम अपने पूर्वजों के लिए गए इस निर्णय से काफी खुश हैं.