भीलवाड़ा. मानसून की बारिश के चलते शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया है (Heavy Rainfall in Bhilwara). सड़कें दरिया बन गई और कई स्थानों पर घरों में पानी भरने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. बढ़ते जलस्तर की जद में एक रोडवेज बस भी आ गई. सूचना पर सीओ सिटी नरेंद्र दायमा और नगर परिषद सभापति राकेश पाठक सहित अजमेर से आई एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची. जिसने सवारियों को रेस्क्यू किया.
तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि यहां की सड़कें दरिया बन गईं. पुराने शहर के बड़े मंदिर इलाके की सड़कों पर 4 से 5 फीट तक पानी बह निकला जो घरों व दुकानों में प्रवेश कर गया , इससे लोगों को घरों में कैद रहने को मजबूर होना पड़ा. तिलक नगर , नेहरू रोड व बस स्टैंड के हालात भी ऐसे ही हैं. तिलक नगर जाने वाले रास्ते पर नाला उफान पर आने से एक सवारियों से भरी रोडवेज बस वहां फंस गई.
फंसी बस, SDRF टीम ने बचाई जान कुछ घंटों में सब पानी पानी: दो दिनों की लगातार बारिश ने कई इलाकों का हाल बेहाल कर दिया है. सवाल नगर परिषद पर भी उठने लगे हैं. आखिर बरसात को लेकर ये कैसी तैयारी थी कि पूरा शहर पानी पानी हो गया. नगर परिषद सभापति राकेश पाठक फंसी बस के बारे में तो बोले लेकिन ऐसे हालात क्यों बने इसको लेकर कोई राय नहीं जाहिर की. उन्होंने कहा- 2 दिन से लगातार आ रही बारिश के चलते पानी भर गया है और यहां पर बस फंस गई है. मौके पर नगर परिषद की टीम पहुंची और लोगों को बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है.
3 घंटे की मशक्कत के बाद महिला को किया रेस्क्यू:शहर के प्रताप नगर थाना क्षेत्र में स्थित कुम्भासर्कल के निकट एक 3 मंजिल घर धराशायी हो गया. हादसे में एक महिला मलबे में फंस गई. सूचना पर जिला कलेक्टर आशीष मोदी, एसपी आदर्श सिद्धू सहित जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे. एसडीआरएफ अजमेर व नागरिक सुरक्षा भीलवाड़ा की टीम की ओर से 3 घंटे की भारी मशक्कत के बाद महिला को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया. महिला को रेस्क्यू करने में प्रताप नगर थाने के कांस्टेबल चंद्रभान छिल्लर अहम भूमिका निभाई.
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जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने कहा कि आजाद नगर में राजेंद्र शर्मा का एक तीन मंजिला मकान है, जो बारिश के बाद मकान की नींव में पानी भर जाने के चलते धंस गया है. 3 घंटे के चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद 55 वर्षीय कमला देवी को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है. मेडिकल टीम ने उनका मेडिकल चेकअप कर उन्हें अस्पताल भेज दिया है. महिला जब मलबे में दबी हुई थी, तब भी प्रशासन की ओर से निरंतर उनसे संपर्क किया जा रहा था.
प्रारंभिक तौर पर सामने आया कि मकान की नींव में पानी आ जाने के चलते यह हादसा हुआ है, अभी भी यह मकान आधा अटका हुआ है जिसे पूरी तरह से धराशाई किया जाएगा. इसकी जांच को लेकर एक टेक्निकल स्पेशल टीम बनाई जाएगी, यदि इसमें कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं 3 घंटे के चले रेस्क्यू ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाने वाले सिपाही चंद्रभान ने कहा कि पूरी टीम ने साथ मिलकर काम किया और महिला को बाहर निकालने में हम सफल हुए हैं.
गर्व महसूस हो रहा है एक महिला की जिंदगी बचाईःशहर में पिछले 24 घंटे में बारिश के कारण शहर की निचली कॉलोनियों में पानी भर गया था. एक मकान के मलबे में दबी महिला को रेस्क्यू करने में प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी. इस दौरान गोपीलाल व सुरेश बंजारा ने बड़ी हिम्मत दिखाई. उन्होंने रेस्क्यू टीम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया, जिसकी बदौलत मकान के नीचे दबी हुई महिला की भी जिंदगी बच गई. आजाद नगर में मकान गिरने की जैसे ही गोपीलाल व सुरेश बंजारा को सूचना मिली वह तुरंत मौके पर पहुंचे. जहां मौके पर मौजूद पुलिस के अधिकारियों व रेस्क्यू टीम के अधिकारियों से बात करते हुए कहा कि सर मुझे अनुभव है, मुझे भी काम करने का मौका दीजिए. गोपीलाल व सुरेश ने रेस्क्यू में प्रशासन का साथ देने के बाद महिला की जिंदगी बचाई.
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रेस्क्यू समाप्त होने के बाद गोपीलाल ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि हमने सबसे पहले जैक लगवाई और फिर मैंने यहां काम किया जिसकी बदौलत मुझे गर्व है कि एक महिला की जिंदगी बच गई. एक महिला को पहले सुरक्षित बाहर निकाल लिया था, उसको भी अस्पताल में भर्ती करवाया. लेकिन जो महिला जो मकान के तलघर में मौजूद थी. उसकी जिन्दगी बचाना मुख्य जिम्मेदारी थी. उन्होंने बताया कि रेस्क्यू के दौरान मकान के पास गहरा गड्ढा खोदकर ब्रेकर से दीवार तोड़ी और उस महिला को भी बाहर निकाला. उन्होंने कहा कि किसी की मदद करने से बड़ा कोई धन नहीं होता है. इसीलिए मैंने मानवियता को ध्यान में रखकर मजदूरी का काम छोड़कर यहां पहुंचा और रेसक्यू में भाग लिया.