भीलवाड़ा. जिले में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए मां कर्फ्यू लगा हुआ है. मां कर्फ्यू के दौरान शहर में कोई व्यक्ति भूखा नहीं रहे, इसके लिए गाडोलिया समाज के लोगों ने भी अनूठी मिसाल पेश की है, जहां समाज के लोगों ने पैसे एकत्रित कर निशुल्क भोजन बनाने के लिए राशन उपलब्ध करवा रहे हैं.
गाडोलिया लोहार समाज ने जरूरतमंदों को बांटे 200 पैकेट राशन महाराणा प्रताप के संकट में साथी रहे गाडोलिया लुहार परिवार जहां आज भी गाड़ी में अपना जीवन बसर कर रहे हैं. उन लोगों ने भी देश पर आए इस संकट की घड़ी में अपनी क्षमता से बाहर जाकर 51 हजार रुपए एकत्रित करके 2 सौ परिवारों के लिए खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाकर एक अनूठी मिशाल पेश की है. संकट की इस घड़ी में क्या असहाय और समक्ष सब एक समान है. यह उन लोगों के मुंह पर तमाचा है, जो अपने घरों पर खाद्य सामग्री होने के बावजूद भी गरीब बनकर प्रशासन को फोन करके परेशान करते हैं.
जब समाजसेवी संगठन महंत हंसाराम ट्रांसपोर्ट नगर की गाडोलिया बस्ती में निशुल्क खाद्य सामग्री वितरण करने गए, तो इन्होने निशुल्क लेने से मना किया और अपने बस्ती के लोगों से पैसा एकत्रित करके इस सामग्री की कीमत अदा करते हुए ली और कहा कि हम यह सामग्री जरूरतमंदों को देंगे. गाडोलिया लुहार कालू लाल का कहना है कि आज देश संकट में है, इसके कारण वे लोग यहां पर 2 सौ पैकेट गरीबों बांटे हैं, यदी आगे भी जरूरत होगी तो वे लोग और सामग्री देंगे.
यह भी पढ़ें-मां का दर्दः साहब...कोरोना में बेरोजगार हो गए, अब कोई दे जाता है तो बच्चों को खिला देते हैं
वहीं हरिसेवा धाम के महंत हंसाराम ने कहा कि धनाढ्य सेठों को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए कि ऐसा समाज जो गाड़ियों में अपना जीवन गुजरता है. वह संकट में देश हित के लिए खड़ा हुआ है. वहीं समाजसेवी चांदमल सोमाणी ने कहा कि हम इस बस्ती में भोजन सामग्री देने आए थे, लेकिन इन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि हम मेहनत करके खाते हैं.