भीलवाड़ा. जिले के शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र से निवर्तमान विधायक एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने राजस्थान विधानसभा की 16वीं विधानसभा के निर्विरोध स्पीकर निर्वाचन पर पांचवी बार अजमेर से विधायक चुनकर आये प्रोफेसर वासुदेव देवनानी को हार्दिक बधाई दी है. साथ ही मेघवाल ने प्रेस वक्तव्य जारी कर कहा है कि देवनानी ने सभी विधायकों को नियम व परम्पराओं का पालन करने के साथ प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियम 269 को पढ़कर आने की सलाह दी. लेकिन उनसे भी एक चूक हो गई. ये नियम भारत के संविधान के अनुच्छेद 208 के अन्तर्गत बनाये गए हैं और इन्हें संविधान का हिस्सा माना जाता है.
मेघवाल ने कहा कि मीडिया में आई खबरों में देवनानी ने कहा कि मेरा पहला टारगेट है साल में 40 दिन सदन चले. यह बयान संदर्भित नियमों के विपरीत है. राजस्थान विधानसभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम अध्याय 2 नियम 3का के अनुसार सत्र और बैठकों की संख्या संविधान के अनुच्छेद 174 में अन्तर्विष्ठ उपबन्धों के अध्ययधीन एक कैलेंडर वर्ष में विधानसभा के कम से कम तीन सत्र अर्थात शीतकालीन सत्र, बजट सत्र और वर्षाकालीन सत्र होंगे और एक कैलेंडर वर्ष में समस्त सत्रों की बैठक संख्या कुल मिलाकर 60 से कम नहीं होगी.
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