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किसानों ने खरीफ की फसल की बुवाई में डीजल महंगा होने के कारण ज्यादा पैसे करने पड़े खर्च

भीलवाड़ा जिले में किसानों ने खरीफ की फसल की बुवाई कर दी है. मानसून की पहली बरसात में किसानों ने इस बार मूंग, उड़द, तिल, ग्वार, ज्वार,मक्का, सोयाबीन, मूंगफली और कपास की फसल की बुवाई की. जहां किसानों का कहना है कि इस बार डीजल महंगा होने के कारण हमारे को खेत की जुताई और फसल की बुवाई में ज्यादा पैसे खर्च करने पड़े.

किसानों ने खरीफ की फसल की बुवाई में डीजल महंगा होने के कारण ज्यादा पैसे करने पड़े खर्च

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Published : Jul 17, 2019, 4:00 PM IST

भीलवाड़ा. कृषि विभाग ने भीलवाड़ा जिले में खरीफ की फसल की बुवाई के लिए 4 लाख 39 हजार हेक्टेयर भूमि मे बुआई का लक्ष्य रखा. जहां मानसून की पहली बरसात में जिले में 70 प्रतिशत क्षेत्र मे बुआई का लक्ष्य पूरा कर लिया. इस बार किसानों ने मूंग, उड़द, तिल, ग्वार, सोयाबीन, मूंगफली, कपास और मक्का की फसल की बुवाई की है. जहां किसानों का कहना है कि इस बार डीजल महंगा होने के कारण उनको खेत की जुताई और बुवाई के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़े हैं.

ईटीवी भारत के सामने किसानों ने अपना दर्द बयां करते हुए किसान शंकरलाल ने कहा कि इस बार हमने खरीफ की फसल की बुवाई कर दी है और सभी प्रकार की फसल की बुआई की है. इस बार फसल की बुवाई के समय ट्रैक्टर से खेत की जुताई के लिए 200 से 250 रूपये प्रति बीघा के हिसाब से पैसों का भुगतान करना पड़ा और उराई के लिए 300 रूपये प्रति बीघा के हिसाब से पैसे देने पड़े. अब फसल बड़ी हो गई है. जहां फसलों की निराई गुड़ाई की जा रही है. जहां खेत पर सुबह 8 बजे से शाम को 5 बजे तक जो मजदूर खेत पर काम करने आता है उसको 200 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से उनका मेहनताना दिया जाता है. अब उनको सिर्फ बरसात से उम्मीद है क्षेत्र में अच्छी बरसात हो जिसे उनकी फसल का भरपूर उत्पादन हो सके.

किसानों ने खरीफ की फसल की बुवाई में डीजल महंगा होने के कारण ज्यादा पैसे करने पड़े खर्च

वहीं ट्रैक्टर चालक लालाराम ने कहा कि इस बार 200 से 250 रूपये खेत की जुताई के लिए और 250 से 300 रूपये तक खेत में बुवाई के लिए रूपये लिए हैं. पूरे क्षेत्र में मानसून की पहली बरसात हो चुकी है. डीजल महंगा होने के कारण इस बार लोगों पर संकट गहरा गया है.

अब देखना यह होगा कि किसानों ने खेत की जुताई और बुआई करके फसल की निराई गुड़ाई शुरू कर दी है जहां अब सिर्फ किसानों को अच्छे मानसून की उम्मीद है जिससे मानसून की अच्छी बरसात हो जिससे फसल का भरपूर उत्पादन हो सके.

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