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भारतीय सेना ने अपना डिफेंस मजबूत किया है, इसलिए चीन बौखलाया हुआ है: रिटायर्ड कर्नल

भारत और चीन सीमा पर पिछले कुछ महीनों से तनाव जारी है. इस विवाद को लेकर LAC पर तैनात रह चुके रिटायर्ड कर्नल उदय सिंह सोलंकी चीन की इस बौखलाहट के पीछे सीमा पर भारतीय सेना की मजबूती को बताते हैं. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि कैसे जब पूरा विश्व महामारी से गुजर रहा है तो वो चालाकियों से अपनी नीति अमल में ला रहा है. पढ़े ये विशेष खबर...

Line Of Actual Control, भारत और चीन के बीच विवाद
रिटायर्ड कर्नल उदय सिंह सोलंकी Exclusive interview

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Published : Sep 11, 2020, 2:44 PM IST

भीलवाड़ा.भारत और चीन के बीच LAC पर लगातार तनाव जारी है. इसको लेकर LAC पर 1994-95 में तैनात रह चुकेरिटायर्ड कर्नल उदय सिंह सोलंकी का कहना है कि भारत-चीन सीमा पर भारतीय सेना ने अपने डिफेंस को मजबूत किया है. जिसके कारण चीन बौखलाया हुआ है.

भारत-चीन विवाद पर रिटायर्ड कर्नल उदय सिंह सोलंकी से खास बातचीत

भारत-चीन सीमा पर चल रहे विवाद को लेकर रिटायर्ड कर्नल और भीलवाड़ा जिला सैनिक कल्याण अधिकारी उदय सिंह सोलंकी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. कर्नल उदय सिंह सोलंकी Line Of Actual Control पर 1994 से 95 तक कंपनी कमांडर के रूप में तैनात रह चुके हैं.

भारत-चीन विवाद पर रिटायर्ड कर्नल उदय सिंह सोलंकी से खास बातचीत

उन्होंने भारत और चीन सीमा पर तनाव को लेकर कहा कि आज की तारीख में जो भारत-चीन में विवाद है, उसका मुख्य कारण चीन सेना के LAC पर जो मायने तय किए गए हैं, उनका उल्लंघन है. पिछले दिनों हवाई फायरिंग की बात सामने आई है.

Line Of Actual Control

रिटायर्ड कर्नल सोलंकी कहते हैं कि चीनी सेना की विस्तारवादी नीति को देखते हुए भारतीय सेना ने भी अपने डिफेंस को और मजबूत किया है. उसने डिफेंस पोस्ट को इंप्रूव करते हुए इलाके के अंदर जितनी भी स्टेटिंग हाइट है, उनको अधिग्रहण कर लिया है. जिनके बारे में चाइना ने भी कभी जीवन में नहीं सोचा था कि भारतीय सेना इतना बड़ा कदम उठाएगी. अब चाइना के लिए मुश्किल हो गया है कि भारतीय सेना को वहां से कैसे हटाए.

भारतीय सेना की मजबूती से चीन में बौखलाहट

वे भारत-चीन सीमा पर मौजूदा भूगौलिक स्थिति को समझाते हुए बताते हैं कि Line Of Actual Control के पास पहाड़ी पर पागोंग त्सो झील है. इस झील के दक्षिण में माउंटेंन रेंज जाती है. वहीं दक्षिण में स्थित स्पैंग त्सो झील है. इसके पश्चिम कैंप में 5 किलोमीटर चौड़ा बड़ा गैप है.

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भारतीय सेना ने गैप के दोनों तरफ की हाइट्स को अपने कब्जे में लिया है, जो 1962 के बाद पहली बार हुआ है. इसी के साथ ही रेचिंग्ला और रेजिंगला पर भारतीय सेना ने अपने डिफेंस मजबूत कर लिया है. भारतीय सेना की मजबूती की वजह से चीन की सेना में बहुत बौखलाहट है.

LAC पर हुए विवाद की मैप के जरिए जानकारी देते कर्नल

चीन विश्व की बिगड़ती आर्थिक स्थिति का उठा रहा फायदा

भारत और चीन के बीच विवाद का भारत पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा? इस सवाल को लेकर उदय सिंह सोलंकी कहते हैं कि कोई भी देश अपने देश की 1 इंच जमीन भी देना पसंद नहीं करेगा. चाइना ने पूरे विश्व की बिगड़ती आर्थिक स्थिति का फायदा उठाते हुए अपने विस्तारवादी नीति को अमल में ला रहा है. सीमा पर कुछ नियम बने हुए थे कि दोनों देश LAC का सम्मान करेंगे. तय किया गया था कि LAC से चार-पांच किलोमीटर दोनों देश दूर रहेंगे लेकिन चाइना ने अपने विस्तारवादी नीति के तहत अपनी सेना को सीमा के नजदीक बैठा दिया है.

भारतीय सेना बहुत मजबूत हुई है

वर्तमान में 1962 की तुलना में भारतीय सेना की मजबूती को लेकर वे कहते हैं कि 1962 की तुलना में भारतीय सेना बहुत मजबूत हुई है. पूरे विश्व में हमारी सेना मजबूत सेना के रूप में गिनी जाती है. इंडियन आर्मी की सबसे बड़ी स्ट्रेंथ उसका मनोबल है. उनका मनोबल इतना मजबूत है कि किसी भी देश की सेना से युद्ध कर दुश्मन देशों के दांत खट्टे कर सकती है.

भारतीय सेना को रिटायर्ड कर्नल उदय सिंह सोलंकी ने बताया सबसे मजबूत

सैनिक के परिवार को सम्मान देने की अपील

वहीं सैनिक के मनोबल बढ़ाने के लिए उन्होंने समाज से अपील की है कि वे सैनिक के परिवार का सम्मान करें. वे कहते हैं कि किसी भी सैनिक को अपने आत्मसम्मान की बहुत ललक रहती है. उसकी सारी चिंताएं दूर हो जाती है, जब उसके परिवार को समाज सम्मान दें और उनके लिए किसी भी प्रकार की परेशानी न दें.

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