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अवैध बजरी खनन पर मंत्री भाया की दो टूक, कहा- कोई कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, बख्शा नहीं जाएगा

खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने पूर्ववर्ती सरकार को अवैध बजरी खनन का जिम्मेदार ठहराया है. वहीं, भाया ने कहा है कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि बजरी खनन मामले में कोई कितना प्रभावशाली क्यों न हो, उस पर सख्त कार्रवाई की जाए. देखें ईटीवी भारत के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू...

Bhilwara news, प्रमोद जैन भाया ने भाजपा को घेरा
प्रमोद जैन भाया का Exclusive interview

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Published : Jun 24, 2020, 12:14 PM IST

भीलवाड़ा.प्रदेश के खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने अवैध बजरी खनन को लेकर पूर्ववर्ती सरकार को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय ही अवैध बजरी खनन एक फोड़े के रूप में पैदा हुई और उनके समय से ही कैंसर का रूप धारण कर लिया है. ये हमारी सरकार को विरासत में मिली है, जिसका हम निस्तारण करने में जुटे हुए हैं.

प्रमोद जैन भाया का Exclusive Interview (Part-1)

गोपालन मंत्री एक दिवसीय दौरे पर जिले के गुलाबपुरा कस्बे के पास नाकोड़ा गौशाला पहुंचे, जहां उन्होंने नाकोड़ा भैरव मंदिर में भगवान के दर्शन किया. वहीं, दर्शन के बाद प्रमोद जैन भाया ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में आवारा गोवंश के लिए जल्द ही प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर गौशाला बनेगी. साथ ही जल्द ही नई एमएमसीआर के तहत नई खनन नीति आएगी. उन्होंने कहा कि गौमाता का हमारे शास्त्रों में उल्लेख है कि गौमाता में सभी देवी-देवताओं का वास है लेकिन आज के परिपेक्ष में जो स्थिति है, वह हम सबके लिए चिंतन का विषय है.

नंदी गौशाला खोलने की रूपरेखा तैयार...

भाया ने बताया कि उन्होंने राजस्थान की रजिस्टर्ड गौशाला के प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में गौ रक्षा सम्मेलन का आयोजन किया था. जिसमें उन्होंने गोवंश के हालात में सुधार करने के फीडबैक मांगे. वहीं, मिले फीडबैक को क्रियान्वित किया जा रहा है. साथ ही पहले अनुदान बढ़ाया गया. मंत्री ने बताया कि छोटे पशुओं पर 16 की जगह 20 रुपये और बडे़ पशु पर 32 की जगह 40 रुपये अनुदान दिया गया है. पंचायत समिति स्तर पर नंदी गौशाला खोलने की रूपरेखा तैयार हो चुकी है. इस योजना से आवारा गायों को संबल मिलेगा. प्रदेश में गौशाला की जमीन पर कॉमर्शियल फसल बोने के सवाल पर मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि उसका हम जल्दी सत्यापन करवा कर अच्छा हल निकालेंगे, जिससे पशुओं के चारे के रूप में फसल बोई जा सके.

प्रमोद जैन भाया का Exclusive Interview (Part-2)

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प्रदेश में अवैध बजरी खनन के सवाल पर मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि पिछली बीजेपी सरकार के समय एक फोड़े के रूप में बजरी खनन पैदा हुई, उनके समय ही कैंसर का रूप धारण कर लिया. जब कोई चीज इतनी विकराल रूप धारण कर लेती है तो एकदम उस समस्या का समाधान किया जाना संभव नहीं है. हमारी सरकार ने आज हर जिला स्तर पर जिले के अन्य विभाग के अधिकारियों की संयुक्त रूप से टीम बनाकर कार्रवाई की है. वहीं, उन्होंने भीलवाड़ा के जहाजपुर की घटना की निंदा की है.

अवैध बजरी खनन पर ठोस कार्रवाई के निर्देश...

प्रमोद जैन भाया ने बताया कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अवैध बजरी खनन करनेवालों पर ठोस कार्रवाई करें, चाहे कोई कितना भी प्रभावशाली व्यक्ति क्यों ना हो. साथ ही बजरी बंद होने से कमठाने मजदूरों को दिक्कत के सवाल पर मंत्री भाया ने कहा कि बजरी के लिए जो समस्या हमारे को सरकार बनने पर जो विरासत में मिली है.

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उनके समाधान के लिए सबसे पहले प्राइवेट कृषि भूमि पर एलओआई शुरू की है. आज तक प्रदेश में 700 से 900 एलओवाई जारी हुई उसके बाद एम. सैंड पॉलिसी लगभग तय है, वह जल्द आएगी. उनसे उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा.

एमएमसीआर में कमियों को दूर करने का प्रयास...

प्रदेश में नये खनन क्षेत्र की खोज को लेकर मंत्री ने कहा कि माइनिंग सेक्टर में मुख्यमंत्री की सोच है कि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिले, साथ ही अधिक से अधिक राजस्व बढे़. इसके लिए पिछली सरकार के समय (राजस्थान माइंस एंड मिनरल्स कन्सेशन रूल्स) एमएमसीआर थी. उसमें कई विसंगतियां आने से खनिज विभाग को संबल नहीं मिला. हम प्रयास कर रहे हैं कि उन कमियों को दूर कर नए एमएमसीआर के लिए इस तरह के प्रोविजन करें, जिससे लोगों को रोजगार मिल सके.

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खान मंत्री ने कहा कि अधिक से अधिक खनन क्षेत्र आवंटित हो व सरकार को राजस्व मिल सके, इसके लिए विभाग लगातार प्रयासरत है. वहीं, नई खनन नीति के लिए प्रारूप तैयार किया जा रहा है. कोरोना की वजह से कुछ देरी हो गई है. हमने इनके लिए फिल्ड से जुड़े अधिकारियों का मिलने का प्लान तय किया है. वहीं, व्यापरियों से संभाग स्तर पर भी मिलेंगे. जिससे कोरोना के कारण जो व्यापार प्रभावित हुआ है, उनसे व्यापारियों को लाभ व सरकार को राजस्व मिल सके.

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