जयपुर. प्रदेश में हर दिन कोरोना वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. खासकर राजधानी जयपुर के रामगंज इलाके अब तक कुल 316 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं. राजधानी से अब तक सामने आए कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से करीब 70 प्रतिशत अकेले रामगंज के हैं. ऐसे में इस क्षेत्र में 'भीलवाड़ा मॉडल' लागू करने की बात कहीं जा रही है लेकिन चिकित्सा विभाग का इसे लेकर अलग ही तर्क है.
प्रदेश में सबसे पहले कोरोना ने भीलवाड़ा जिले में अपना प्रकोप दिखाया. भीलवाड़ा में पॉजिटिव मरीजों का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा था. एक वक्त तो ऐसा आया जब भीलवाड़ा राजस्थान का 'हॉट स्पॉट' तक बन गया. इसी बीच सरकार और स्थानीय प्रशासन ने भीलवाड़ा जिले में कर्फ्यू लगाया और स्थिति को संभाला. जिसके बाद भीलवाड़ा में पॉजिटिव मरीजों की संख्या में गिरावट आई. वहीं संक्रमण भी कम हो गया. दिनोंदिन कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज होने लगे.
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इसके बाद पूरे देश भर में भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा होने लगी. जिसके बाद अन्य राज्यों में भी इस मॉडल को अपनाने की बात सामने आई. लेकिन हैरानी की बात है कि खुद राजधानी ही भीलवाड़ा से सीख लेने में नाकाम साबित हो रही है. राजधानी जयपुर का रामगंज इलाका प्रदेश में कोरोना का नया हॉटस्पॉट बन चुका है. हर दिन बीतने से साथ यहां संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. बावजूद इसके अभी तक चिकित्सा विभाग और सरकार इस क्षेत्र में यह मॉडल लागू नहीं कर पाई है.