दूल्हे ने दर्ज करवाई शिकायत भीलवाड़ा.जिले के शाहपुरा क्षेत्र में दलित दूल्हे की बिंदोली रोकने के मामले में शिकायतकर्ता दूल्हा ही नाबालिग निकला. इसे देखते हुए दुल्हे का बाल विवाह रूकवाया गया और दुल्हन के परिजनों को पाबंद किया गया.
शाहपुरा क्षेत्र के लाठियों का खेड़ा ग्राम में दलितदूल्हे को घोड़ी से उतारने के मामले में पुलिस जांच में रोचक तथ्य सामने आए हैं. सोमवार सुबह ही दूल्हे रमन बैरवा ने गांव के 27 जनों के खिलाफ उसके व परिजनों के खिलाफ अपमान करने, घोड़ी से उतारने , मारपीट करने तथा जातिगत सूचक शब्दों से अपमानित करने का मामला दर्ज कराया. शाम को पुलिस जांच में नए तथ्य सामने आए.
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जब ग्रामीणों की सूचना पर प्रशासन ने दूल्हे की उम्र की जांच की, तो उसकी उम्र 20 वर्ष ही पाई गई. इस पर शाहपुरा एसडीओ पुनित कुमार गेलड़ा के निर्देश पर शाहपुरा के नायब तहसीलदार भूपेंद्र सिंह, ढीकोला के नायब तहसीलदार व फुलियाकलां एसएचओ दलपतसिंह की अगुवाई में राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर खामोर में दुल्हे की उम्र कम होने पर उसके विवाह को रूकवाया तथा बारात को वहां से रवाना कर दिया. एसडीओ गेलड़ा ने बताया कि पुलिस व तहसील प्रशासन से दूल्हे के उम्र की जांच कराई गई. दूल्हे की उम्र विवाह योग्य ना होने पर दुल्हे व उसके पिता को पाबंद कराया गया. बारात को बिना विवाह के वापस रवाना करवाया गया. बाद में दुल्हन व उसके पिता घनश्याम को पाबंद कराया कि दूल्हे की उम्र 21 वर्ष होने तक विवाह नहीं करेगें. जांच में दुल्हन 21 वर्ष की पाई गई.
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एसडीओ के निर्देश पर सोमवार को यह टीम पहले दूल्हे रमन बैरवा के गांव लाठियों का खेड़ा गांव गयी थी. वहां से बारात के रवाना होने पर टीम दुल्हन के घर खामोर गांव में पहुंची. वहां दोनां पक्षों को पाबंद करने की कार्रवाई की गई.