धक्की मुक्की और नारेबाजी के नाम रही बोर्ड बैठक भीलवाड़ा.हंगामे की वजह छात्रावास निर्माण के लिए रैगर समाज के लिए भूखंड मुहैया कराने का प्रस्ताव था. कांग्रेस पार्षदों ने इसका ही विरोध किया. कहा कि सभी समाज की बात होनी चाहिए केवल एक समाज की नहीं. इसके बाद सभापति राकेश पाठक ने कुछ ऐसा कह दिया जिससे सभागार में हल्ला मच गया. इतना ही नहीं पार्षद आपे से बाहर हो गए और बात एकदूसरे को धकेलने तक पहुंच गई. मामले ने तूल पकड़ा तो कुछ और पार्षदों ने बीच बचाव किया और काफी मशक्कत के बाद शांति व्यवस्था स्थापित की गई.
क्या है पूरा मामला?-दरअसल, बोर्ड रैगर समाज की बालिकाओं के लिए छात्रावास निर्माण हेतु भूखंड आवंटन करने के प्रस्ताव पर चर्चा कर रहा था. इस पर कांग्रेस पार्षदों ने पूछा कि भूखंड कहां दिया जाएगा. इस पर सभापति ने कहा कि परिषद के एरिया में. इस पर काउंसर्लस ने आपत्ति जताई. कहा की एक समाज की ही नहीं बल्कि सभी समाज की बात होनी चाहिए. ऐसी व्यवस्था सबके लिए होनी चाहिए. इस पर सभापति पाठक ने कांग्रेस पार्षद ने कहा- आप लोग रैगर समाज को भूखंड देने का विरोध कर रहे हैं. बस यही बात हंगामे का सबब बन गई.
सभापति के खिलाफ स्लोगन और धक्का मुक्की-कांग्रेस पार्षदों के मुताबिक उनकी सिफारिश को गलत एंगल देने की कोशिश की गई. वो लोग कभी भी रैगर समाज के विरोधी नहीं हैं. नाराज पार्षदों ने सभापति के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दिए. सभागार सभापति हाय- हाय के नारों से गूंजने लगा. इस बीच जमकर धक्का-मुक्की भी हुई. स्थिति ऑउट ऑफ कंट्रोल होती देख कुछ पार्षदों ने हस्तक्षेप कर मामला शांत करवाया. पार्षदों ने सभापति, नेता प्रतिपक्ष और आयुक्त के पास पहुंचकर जमकर नारेबाजी की. मांग की कि कि सभापति माफी मांगें. अंत में मामला शांत हुआ तो बोर्ड बैठक फिर से शुरू हुई.
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'चेयर का हुआ अपमान'- बैठक के बाद भीलवाड़ा नगर परिषद के सभापति राकेश पाठक प्रेस से मुखातिब हुए. बोले- मैंने बोर्ड बैठक में भी कहा कि मैं लोकतंत्र को जिंदा रखना चाहता हूं. एक परंपरा रहे कि शहर के हर मुद्दे पर चर्चा हो. पुराने समय में भीलवाड़ा नगर परिषद की 5 से 10 मिनट में बोर्ड बैठक खत्म हो जाती थी लेकिन उस इतिहास को मैं नहीं दोहराना चाहता हूं. मैंने लंबी बैठक चलाई. सभी को प्रस्ताव देने के लिए कहा और सभी प्रस्ताव जो पार्षदों ने दिए उनको शामिल किया.आज बोर्ड बैठक में जिस तरह जिस प्रकार विपक्ष का आचरण आज आसन के प्रति रहा वह निंदनीय है. विपक्ष का यह कहना था कि सभी समाज को भूखंड दिया जाए. हमने कहा हम तैयार हैं. अब विपक्ष को सभी समाज को भूखंड देने का एजेंडा पास करने में भी प्रॉब्लम और विरोध करने में भी प्रॉब्लम वो अपने आप में कंन्फ्यूज थे.