भीलवाड़ा. प्रदेश में भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि जातिगत आधार पर जनगणना को लेकर देश मे अलग-अलग पार्टियां मांग कर रही हैं. उनके अलग-अलग विचार हो सकते हैं, लेकिन मैं मेरे व्यक्तिगत विचार बताता हूं कि जातिगत आधार पर ही जनगणना होनी चाहिए. क्योंकि आजादी के बाद एक बार जातिगत जनगणना हुई थी, उसके बाद से अब तक जातिगत जनगणना नहीं हुई है. जातिगत जनगणना होने से कई समस्याओं का समाधान होगा.
मैं केवल इसलिए नहीं कह रहा हूं कि मेरी इच्छा है, बल्कि इसके पीछे तर्क यह है कि पंचायत राज चुनाव के समय जो जाति की जनसंख्या नहीं होने के बाद भी लॉटरी निकाली जाती है, जिससे कई जातियों के लोगों को चुनाव में आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है और कई को मिल जाता है.