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भीलवाड़ा: छोटे पिंजरे में 13 बंदरों को बंद करने से दो बंदरों की मौत का मामला - पीपूल फॉर एनिमल्‍स

भीलवाड़ा के जहाजपुर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी की ओर से छोटे पिंजरे में 13 बंदरों को बंद करने से 2 बंदरों की मौत के मामले में पीपल फॉर एनिमल्‍स के प्रदेश प्रभारी ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्राथमि‍की दर्ज करवाई है. जिसमें जाजू ने उक्‍त कार्य करने वाले अधिकारियों के खिलाफ वन्‍यजीव संरक्षण अधिनियम-1972 के तहत कार्रवाई करने की मांग की है.

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छोटे पिंजरे में 13 बंदरों को बंद करने से दो बंदरों की मौत का मामला

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Published : Mar 23, 2021, 10:34 PM IST

भीलवाड़ा. जिले के जहाजपुर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी की ओर से छोटे पिंजरे में 13 बंदरों को बन्‍द करने से 2 बन्‍दरों की मौत के मामले में पीपल फॉर एनिमल्‍स के प्रदेश प्रभारी बाबू लाल जाजू ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्राथमि‍की दर्ज करवाई है. जिसमें जाजू ने पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा से उक्‍त कार्य करने वाले अधिकारियों के खिलाफ वन्‍यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत कार्रवाई करने की मांग की है.

छोटे पिंजरे में 13 बंदरों को बंद करने से दो बंदरों की मौत का मामला

पीपूल फॉर एनिमल्‍स के प्रदेश प्रभारी बाबू लाल जाजू ने कहा कि 21 मार्च को जहाजपुर के अधिशाषी अधिकारी की ओर से बंदरों को पकड़ने का अभियान चलाया गया. अभियान में 13 बंदरों को पकड़कर नियम विरूद्ध तरीके से एक छोटे से पिंजरे में एकसाथ ढूंस- ठूसकर भरकर क्रूरता करने और उन्हें खाना- पानी नहीं देने से उनमें से 2 बंदरों की मौत के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई है.

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इस मामले से मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजस्थान सरकार, वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली, पीएफए की राष्ट्रीय अध्यक्षा मेनका गांधी और उप वन संरक्षक भीलवाड़ा को अवगत कराते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग भी की है.

जाजू ने यह भी कहा है कि बंदर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत संरक्षण प्राप्त वन्यजीव है. साथ ही दोनों बंदरों की मौत का जिम्मेदार नगर पालिका अधिशाषी अधिकारी हैं. इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.

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