भीलवाड़.सहाड़ा विधानसभा उपचुनाव से भाजपा के बागी लादूलाल पितलिया ने भले ही अपना पर्चा चुनाव मैदान से हटा लिया हो, लेकिन नाम वापसी का मामला राजनीतिक क्षेत्र में तूल पकड़ता जा रहा है. पितलिया और उनके सहयोगी इस पूरे मामले को लंबे समय तक नहीं भूल पाएंगे, क्योंकि इस बार वे जीत के समीकरण से चुनाव लड़ रहे थे. उनकी तैयारी भी पूरी थी और सभी वर्गों से सहयोग की पूरी उम्मीद भी. आम मतदाता भी मान रहा था कि एक बार पितलिया को मौका दिया जाए, क्योंकि वह लंबे समय से आम जनता के लिए संघर्ष कर रहे थे.
वायरल ऑडियो, ईटीवी भारत नहीं करता पुष्टि... दूसरी ओर सहाड़ा विधानसभा उपचुनाव में बतौर प्रभारी मौजूद भाजपा के पूर्व मंत्री और जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग और स्थानीय विहिप के प्रमुख नेता जगदीश झंवर के बीच बातचीत की सोशल मीडिया पर चल रहे 10 मिनट 29 सेकंड का ऑडियो वायरल हुआ. जिसमें झंवर ने स्पष्ट कहा कि नामांकन के बाद जीत की गणित में पितलिया एक नंबर पर हैं, जबकि भाजपा प्रत्याशी रतन लाल जाट तीसरे नंबर पर हैं.
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क्या है बातचीत में...
जोगेश्वर गर्ग ने झंवर सहित विधानसभा क्षेत्र के सभी बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के नेताओं को फोन करके पितलिया को बैठाने का आग्रह किया था, क्योंकि उनके पास सूचना थी कि ये नेता बागी प्रत्याशी को समर्थन कर रहे हैं. गर्ग ने बातचीत में कहा कि आप लोग उन्हें समझाएं, भले आदमी हैं कुछ बुरा ना हो जाए. अमित शाह तक की इस चुनाव पर नजर है. आम चुनाव में तो बगावत करने वाले को कोई नहीं पूछता, लेकिन उपचुनाव में पूरी मिजाजपुर्सी हो रही है. उन्हें मान सम्मान देंगे, प्रदेश कार्यकारिणी में सतीश जी एडजस्ट कर लेंगे, नहीं तो राष्ट्रीय प्रभारी अरुण सिंह ने खुद उन्हें केंद्र में किसी बोर्ड निगम में सदस्य बनाने का वादा किया है.
पितलिया ने बात नहीं मानी तो...
भाजपा नेता ने इतना भी कहा कि पितलिया ने बात नहीं मानी तो उन्हें सहाड़ा से लेकर बैंगलुरू तक रगड़ कर रख देंगे. इसलिए समझा दें कि जिद छोड़ें और पार्टी का काम करें. लादूलाल पितलिया का नामांकन वापस लिए जाने के बाद पितलिया और उनके समर्थक तथा परिजन इस बात से व्यथित हैं कि भाजपा ने उनके साथ पहले तो धोखा किया और बाद में चुनाव मैदान से हटाने के लिए घटिया हथकंडे अपनाए. भले ही भाजपा इस एपिसोड के बाद भी मान रही हो कि पितलिया के समर्थक भाजपा को वोट दे देंगे तो यह उसकी भूल होगी. उनके अधिकांश वोट उसको जाएंगे जो बदला लेने के लिए भाजपा को हरा सके या कुछ नोटा पर जाएंगे. ये तय है कि पितलिया समर्थक भाजपा के खिलाफ ही वोट करेंगे.