भीलवाड़ा. कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन में इन दिनों बड़ी संख्या में अलग-अलग राज्यों में प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं. मजदूर अपने घर तक पहुंचने के लिए वाहनों का सहारा ले रहे हैं. मजदूरों का कहना है कि सरकार सिर्फ व्यवस्था करने की कहती है, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं कर रखी है. उनका कहना है कि इसलिए मजबूरी में वे ट्रक में बैठे हैं.
कोरोना संक्रमण की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन फेज 3 चल रहा है. भारत सरकार ने मजदूरों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर छोड़ने के लिए कई वैकल्पिक व्यवस्थाएं की है, लेकिन कुछ मजदूरों को अभी तक एक जगह से दूसरी जगह छोड़ने की ठोस व्यवस्था नहीं होने के कारण अपने गंतव्य स्थान पर जाने के लिए दूसरे वाहनों का सहारा ले रहे हैं.
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बिना मास्क के पलायन कर रहे मजदूर
ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा के राष्ट्रीय राजमार्ग 79 पर पहुंची, जहां एक ट्रक में लगभग 70 मजदूर बैठकर हैदराबाद से जम्मू की ओर जा रहे थे. इस दौरान ना तो सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो रही थी और ना ही किसी ने मास्क लगा रखा था.
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ट्रक से जा रहे मजदूरों ने बताया कि वे हैदराबाद से आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि वहां काफी समय से काम नहीं मिलने के कारण सरकार ने ठोस व्यवस्था नहीं की, जिससे मजबूर होकर ट्रक से घर जा रहे हैं. मजदूर सुभाष ने कहा कि हम हैदराबाद से आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे वहां ट्रांसपोर्ट में लेबर का काम करते थे.
सोशल डिस्टेंसिंग की नहीं हो रही पालना सरकार सिर्फ आश्वासन देती है...
मजदूरों ने बताया कि वहां काम बंद था और खाने की व्यवस्था नहीं थी, इसलिए काफी परेशानी हो रही थी. उनका कहना था कि सरकार की ओर से कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई थी. इसलिए वे ट्रक में बैठकर जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि वे सभी जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले के हैं. उन्होंने बताया कि सरकार सिर्फ आश्वासन ही देती है, कोई व्यवस्था नहीं करती है.
ट्रक से जम्मू कश्मीर जा रहे मजदूर मजबूरी के कारण ट्रक में बैठकर घर जा रहे...
ट्रक ड्राइवर का कहना है कि किसी काम ट्रक हैदराबाद से जम्मू कश्मीर जा रही है. उन्होंने बताया कि वे वहां ट्रांसपोर्ट में काम करता था. ट्रक ड्राइवर का कहना है कि मजदूरों से सिर्फ डीजल का खर्चा ही लिया जाएगा. वहीं, एक अन्य मजदूर ने बताया कि वे हैदराबाद के पुलिस स्टेशन में भी कई चक्कर लगाए, लेकिन वहां से भी कोई सहायता नहीं मिली. मजदूरों का कहना था कि वे मजबूरी से ट्रक में बैठकर जा रहे हैं.