भरतपुर. अधिकतर समय व्यवसाय में गुजरता. हर किसी की तरह ये भी आधुनिकता की दौड़ के शिकार थे. नतीजन बहुत कम उम्र में पैसा तो अच्छा खासा कमा लिया, लेकिन स्वास्थ्य गंवा दिया. शहर के जाने-माने व्यवसाई लोकेश अग्रवाल आज से 5 साल पहले मोटापे, बीपी, शुगर, थायरॉयड और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारी की चपेट में आ गए. हर दिन कई कई दवाई लेनी पड़ती. चिकित्सकों ने भी चेतावनी दे दी. आखिर में व्यवसाई लोकेश अग्रवाल ने साइकिल को अपनाया और महज एक साल के अंदर ही साइकिल ने जिंदगी बदल दी. पेश है विश्व साइकिल दिवस पर साइकिल और स्वास्थ्य की अनूठी कहानी.
शहर के 51 वर्षीय व्यवसाई लोकेश अग्रवाल ने बताया कि कई साल पहले अनियमित दिनचर्या और किसी तरह की कोई एक्सरसाइज नहीं करने की वजह से स्वास्थ्य खराब होने लग गया था. धीरे धीरे बीपी, शुगर, थायरॉयड, कोलेस्ट्रॉल की चपेट में आता गया. हर दिन कई कई दवाई लेनी पड़ती थी. चिकित्सकों ने भी स्वास्थ्य को लेकर चेतावनी दे दी थी. अब स्वास्थ्य की चिंता भी होने लगी थी.
बीमारियों से मिली निजात : व्यवसाई अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2018 में साइकिल को अपनाया. एक दिनचर्या बनाई. सुबह जल्दी जागकर अकेले साइकिल लेकर निकल जाता. कई कई किलोमीटर साइकिल दौड़ने लगी. धीरे-धीरे साइकिल चलाने की दूरी बढ़ाई. किसी दिन 50 किमी, तो किसी दिन 100 किमी. नियमित साइकिल चलाने के सकारात्मक परिणाम नजर आने लगे. नियमित जांच भी कराता रहता. आखिर में एक साल बाद ही वर्ष 2019 में व्यवसाई लोकेश अग्रवाल पूरी तरह से बीपी, शुगर, कोलेस्ट्रॉल लेवल सही हो गया. सभी बीमारियों की दवाई बंद हो गईं. जबकि बीपी की 15 साल से दवाई ले रहे थे. अग्रवाल ने बताया कि अभी बस थायरॉयड की दवाई ले रहे हैं वो भी बहुत ही कम मात्रा में.
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