भरतपुर.कोरोना संक्रमण ने एक बार फिर लोगों के लिए रोटी का संकट खड़ा कर दिया है. अपने घर से सैकड़ों मील दूर रोजी रोटी की तलाश में गए मजदूर एक बार फिर से पलायन कर अपने घरों की ओर लौटने लगे हैं. कोरोना के चलते फैक्ट्रियां बंद पड़ने लगी हैं और मजदूर बेरोजगार होने लगे हैं. यही वजह है कि पश्चिमी राजस्थान की तरफ से हाईवे पर मजदूरों का रेला घरों की ओर लौटता हुआ नजर आने लगा है.
श्चिमी राजस्थान से पलायन कर लौटने लगे मजबूर मजदूर धौलपुर जिले के कुम्हेरी गांव निवासी राम अवतार ने बताया कि वो रोजी रोटी कमाने के लिए नागौर जिले के डेगाना गए और वहां पर पत्थर का काम करता थे, लेकिन कोराेना के कारण लगे लॉकडाउन में काम बंद हो गया. ऐसे में सभी साथी मजदूरों ने घर लौटने की ठानी.
पढ़ें-जोधपुर में रेजिडेंट्स डॉक्टरों का आंदोलन शुरू, काली पट्टी बांध कर जताया विरोध
मजदूर राम अवतार ने बताया कि ठेकेदार से किराए के लिए पैसे मांगे, लेकिन ठेकेदार ने पैसे नहीं दिए. मजबूरन डेगाने से करीब 450 किलोमीटर का पैदल सफर तय करके धौलपुर स्थित अपने गांव जा रहे हैं. मजदूर विजय सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के चलते बसों का संचालन भी बंद है. रास्ते में कोई वाहन नहीं मिला. इसलिए सभी साथी पैदल ही गांव की ओर बढ़ रहे हैं.
गौरतलब है कि प्रदेश भर में कोरोना संक्रमण के भयावह हालात को देखते हुए राज्य सरकार ने 10 मई से 24 मई तक के लिए लॉकडाउन लागू किया है. इसके तहत प्रदेश भर में बसों और निजी सवारी वाहनों का संचालन भी बंद कर दिया गया है. सिर्फ इमरजेंसी सेवा वाले या जरूरत वाले लोगों को ही आने जाने की अनुमति दी गई है.