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खबर का असरः जीवित महिला को कागजों में मृत बताने वाला ग्राम विकास अधिकारी निलंबित - bayana subdivision news

भरतपुर के बयाना उपखंड में बीते दिनों एक 80 वर्षीय महिला केसो की पेंशन बंद कर दी गई थी. वजह थी ग्राम विकास अधिकारी का केसो को मृृत घोषित करना, हालंकि केसो बिल्कुल स्वस्थ और जिंदा थी. जिसके बाद केसो के बेटे ने इस मामले को लेकर एसडीएम बयाना से संपर्क साधा. मामले को गंभीरता से देखते हुए एसडीएम बयाना ने ग्राम विकास अधिकारी योगेंद्र को निलंबित कर दिया.

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महिला को कागजों में मृत बताने वाला ग्राम विकास अधिकारी निलंबित

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Published : Mar 23, 2020, 9:00 AM IST

बयाना (भरतपुर). जिले के बयाना तहसील के गांव खेरली गड़ासिया निवासी 80 वर्षीय महिला केसो पत्नी सूरजमल को कागजों में मृत बताने वाला ग्राम विकास अधिकारी निलंबित कर दिया गया है. प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले की पड़ताल कराई तो महिला जीवित अवस्था में मिली. जिसके बाद एसडीएम बयाना ने सख्त कार्रवाई करते हुए ग्राम विकास अधिकारी योगेंद्र को निलंबित कर दिया.

बता दें, कि बयाना एसडीएम संतोष मीणा ने बताया कि पूरे मामले की जांच को लेकर तहसीलदार को खेरली गड़ासिया निवासी केसो के घर भेजा गया. जब तहसीलदार वहां पहुंचा तो केसो जीवित और स्वस्थ अवस्था में मिली. जिसके बाद ग्राम विकास अधिकारी योगेंद्र सिंह के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उसे निलंबित कर दिया गया. साथ ही केसो की रुकी हुई पेंशन को फिर से शुरू कराने की कागजी औपचारिकताएं भी पूरी कर ली गई.

महिला को कागजों में मृत बताने वाला ग्राम विकास अधिकारी निलंबित

यह था मामला...

दरअसल, खेरली गड़ासिया निवासी केसो (80) की वृद्धावस्था पेंशन बैंक खाते में आती थी, लेकिन अगस्त 2019 से अचानक से उनकी पेंशन बंद हो गई. इस संबंध में जब उसके बेटा भीम सिंह ने बैंक जाकर पता किया तो बैंक के अधिकारियों ने बताया, कि केसो नामक महिला तो मर चुकी है इसलिए उनकी पेंशन बंद कर दी गई है. इसके बाद ट्रेजरी में भी यही जानकारी दी गई.

पढ़ेंःSpecial: सरकारी तंत्र की लापरवाही- जीवित महिला को बता दिया मृत, जिंदा साबित करने के लिए बेटा काट रहा विभागों के चक्कर

बाद में पता चला कि ग्राम पंचायत में पंचायत समिति के स्तर पर गलत जानकारी प्रसारित की गई. जिसके बाद जीवित केसो को मृत बता दिया गया. तब से भीम सिंह अपनी मां को जिंदा साबित करने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा था.

गौरतलब है, कि 5 मार्च 2020 को सरकारी तंत्र की लापरवाही की वजह से जीवित महिला को बता दिया गया था. फिलहाल प्रशासन के हरकत में आने के बाद ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर पेंशन फिर से शुरू कराने की कागजी औपचारिकताएं पूरी कराई गई.

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