राजस्थान

rajasthan

वीर चक्र सूबेदार बृजेन्द्र सिंह ने पाक फौज को चटाई थी धूल, साहस देख भाग छूटे थे दुश्मन

By

Published : Dec 16, 2020, 7:46 PM IST

सूबेदार बृजेंद्र सिंह ने बताया कि जालंधर में वायुसेना स्टेशन पर हमले के बाद उन्होंने अपने 4 जवानों के साथ पंजाब के गुरमुख गांव के पास दुश्मन के सामने मोर्चा संभाल लिया.

bharatpur veer chakra Babrijendra Singh, vijay diwas special
वीर चक्र सूबेदार बृजेन्द्र सिंह ...

भरतपुर.3 दिसंबर 1971 का वह दिन जब पाकिस्तानी वायुसेना ने जालंधर में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर हमला बोल दिया. उसके बाद भारतीय थल सेना को सचेत कर दिया गया. 4 जाट रेजीमेंट के भरतपुर निवासी सूबेदार बृजेंद्र सिंह ने अपने 4 जवानों के साथ 6 दिसंबर 1971 को पंजाब के गुरमुख गांव में दुश्मन के सामने मोर्चा संभाल लिया. यहां सूबेदार बृजेंद्र सिंह ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए दुश्मन के बंकर को ध्वस्त कर दिया और दुश्मन को पोस्ट छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया. उनके इसी अदम्य साहस के चलते उन्हें वीर चक्र से नवाजा गया. विजय दिवस के अवसर पर वीर चक्र सूबेदार बृजेंद्र सिंह ने युद्ध से जुड़ी यादें ईटीवी भारत के साथ साझा की.

3 दिसंबर 1971 के जंग की कहानी सूबेदार बृजेंद्र सिंह की जुबानी...

भाग छूटे दुश्मन...

भरतपुर के गुनसारा गांव निवासी वीर चक्र सूबेदार बृजेंद्र सिंह ने बताया कि जालंधर में वायुसेना स्टेशन पर हमले के बाद उन्होंने अपने 4 जवानों के साथ पंजाब के गुरमुख गांव के पास दुश्मन के सामने मोर्चा संभाल लिया. यहां दुश्मन भारतीय सेना को भारी नुकसान पहुंचा रहा था. ऐसे में सूबेदार गुरमुख सिंह ने दुश्मन के बंकर पर ग्रेनेड से हमला किया और करीब तीन-चार दुश्मनों को वहीं ढेर कर दिया. कई दुश्मन मौके से भाग छूटे.

पढ़ें:बाड़मेर: विजय दिवस की 50वीं वर्षगांठ पर वीर जवानों के शौर्य को दी गई सलामी...सुनिये किसने क्या कहा

युद्ध में जख्मी हुआ हाथ...

सूबेदार बृजेन्द्र सिंह ने बताया कि लेकिन दुश्मन के बंकर में एक दुश्मन अभी भी एमएमजी संभाले हुए था और भारतीय सेना के जवानों को लगातार मार रहा था. सूबेदार बृजेन्द्र सिंह रेंगते हुए बंकर तक पहुंचे और गोलियां बरसा रही एमएमजी को हाथ से पकड़ कर दुश्मन के हाथ से खींच लिया. इस दौरान सूबेदार बृजेंद्र सिंह का बायां हाथ बुरी तरह से जख्मी हो गया. लेकिन, पोस्ट को दुश्मन से हथिया लिया.

जब रो पड़ीं प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी...

सूबेदार बृजेंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें घायल अवस्था में पुणे में मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. जहां खुद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पहुंची. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी यहां पर सभी जख्मी सैनिकों से मिल रही थीं. जब वो सूबेदार बृजेंद्र सिंह के पास पहुंचीं तो उनकी आंखें नम हो गईं और इधर सूबेदार भी उन्हें देख कर रो पड़े.

पढ़ें:विजय दिवस पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि, पूर्व सैनिक बोले- दुनिया के इतिहास में यह जीत ऐतिहासिक थी

मिलता था 289 रुपए वेतन...

सूबेदार बृजेंद्र सिंह ने बताया कि उस समय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनका वेतन पूछा तो उन्होंने बताया कि उन्हें 289 रुपए वेतन मिलता था. इस पर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कहा कि इतने सभ्यता में कैसे काम चलता है. उसके बाद उन्होंने पार्लियामेंट कमेटी बैठाकर सैनिकों की पेंशन बढ़ाई. वहीं, कुछ माह बाद भारत सरकार ने उन्हें अदम्य साहस के लिए वीर चक्र से नवाजा. फिलहाल, वीर चक्र सूबेदार बृजेंद्र सिंह का नाती सीपी सिंह भी मेजर के रूप में भारतीय सेना में कार्यरत है और देश की रक्षा में डटा हुआ है. वीर चक्र सूबेदार बृजेंद्र सिंह ने बताया कि एक वह वक्त था जब खुद प्रधानमंत्री ने हम सैनिकों की पेंशन बढ़ाई थी, लेकिन अभी तो ना तो समय पर पेंशन मिलती है और ना ही एरियर मिल रहा है उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

गौरतलब है कि 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ. बांग्लादेश में रहे बंगालियों, मुसलमानों और हिंदुओं को पाकिस्तान के जुल्मों से बचाने के लिए भारतीय सेना ने पाकिस्तान से यह युद्ध लड़ा. युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने 93 हजार सैनिकों के साथ भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. इस युद्ध में भारत की जीत हुई और इसीलिए 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details