भरतपुर. जिला प्रशासन के एक निर्णय ने वाहन चालकों और पर्यटकों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है. शहर के मुख्य सारस चौराहे पर प्रशासन के आदेश से बेरिकेट्स (Police barricades increased trouble in Bharatpur) लगा दिए हैं.
जिसकी वजह से जहां पर्यटकों को केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान तक पहुंचने के लिए दो किलोमीटर का चक्कर (traffic issue in bharatpur) लगाना पड़ रहा है. वहीं वाहन चालक भी शॉर्टकट के लिए हाईवे का डिवाइडर कूद कर या फिर रॉन्ग साइड वाहन चलाकर अगले कट तक पहुंच रहे हैं. जबकि इस संबंध में प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी मुंह फेरे बैठे हैं.
आमजन के लिए नियम, अधिकारियों के लिए नहीं...
जानकारी के अनुसार कुछ समय पूर्व जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता के निर्देश पर सारस चौराहे के मुख्य मार्ग को बेरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया गया. ऐसे में अब उस सारस चौराहे से केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की तरफ जाने वाले वाहन चालकों व पर्यटकों को 2 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाकर जाना पड़ रहा है, लेकिन जब पुलिस अधिकारियों की गाड़ियां आती हैं तो इन बेरिकेड्स को हटा दिया जाता है.
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दुर्घटना का खतरा सारस चौराहे का मुख्य मार्ग बेरिकेड्स से बंद करने की वजह से वाहन चालक गलत तरीके से हाईवे क्रॉस करते हैं. वाहन चालक जान हथेली पर लेकर नियमविरुद्ध हाईवे के डिवाइडर के ऊपर से वाहन ले जाते हैं. जिसकी वजह से हाईवे पर दुर्घटना की आशंका बढ़ गई है. इतना ही नहीं वाहन चालक लंबी दूरी से बचने के लिए सारस चौराहे से केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की तरफ हाईवे पर रॉन्ग साइड से वाहन लेकर गुजरते हैं.
उच्चाधिकारियों के आदेशों की पालना
इस संबंध में जब यातायात निरीक्षक रामचंद मीणा से बात की तो उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता के निर्देश पर यातायात व्यवस्था में बदलाव किया गया है. गलत तरीके से हाईवे के डिवाइडर के ऊपर से वाहन निकालने वाले और रॉन्ग साइड से वाहन ले जाने वाले लोगों पर लगाम लगाने का प्रयास किया जा रहा है. इस संबंध में जब जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता से बात करने की कोशिश की तो वो जवाब देने से कतराते दिखे.
न्यायालय तक पहुंच मामला
इस संबंध में अधिवक्ता जोगिंदर सिंह सिनसिनवार ने जिला न्यायालय में एक याचिका दायर की है. जिसमें बताया गया है कि सारस चौराहा वर्ष 2006 में बना था और तब से अब तक इस चौराहे पर वाहन चालकों की सुविधा व आवाजाही के लिए रास्ता छोड़ा गया था, लेकिन अब जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता के निर्देश पर इसे बंद कर दिया गया है. जिसकी वजह से आसपास के कॉलोनी वासियों वाहन चालकों आदि को परेशानी उठानी पड़ रही है.
वहीं स्थानीय निवासी शिव सिंह ने बताया कि जब से सारस चौराहा का निर्माण हुआ है, तभी से यह मार्ग खुला हुआ था, लेकिन संभवतः पहली बार इसको बेरिकेड्स लगाकर बंद किया गया है.