भरतपुर. नगर निकाय चुनाव के मतदान के एक दिन पहले वार्ड नंबर 42 के मतदान केंद्र नंबर 104 की ऐसी हकीकत सामने आई है, जिसे देख कर आप खुद चौंक जाएंगे. जी हां यहां ना शौचालय की व्यवस्था है और ना ही पीने के पानी की. कुछ ऐसे ही हालात हैं इस मतदान केंद्र के. यह मतदान केंद्र कहीं दूर दराज गांव में नहीं बल्कि जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से महज एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
जुगाड़ से तैयार किया मतदान केंद्र मतदान से एक दिन पूर्व शुक्रवार शाम करीब 4 बजे यहां मतदान दल के 3 सदस्य पहुंचे. जिन्होंने खुद ही नगर निगम के सफाई निरीक्षक के कक्ष में स्थापित किए गए मतदान केंद्र की सफाई की और फिर जब व्यवस्थाएं देखी तो मतदान केंद्र पर ना ही शौचालय की व्यवस्था थी और ना ही पीने के पानी की. वहीं, ताज्जुब की बात तो यह है कि यहां की अव्यवस्थाओं को लेकर बीएलओ ने अपने उच्च अधिकारियों को समय रहते ही अवगत करा दिया था. लेकिन इसके बावजूद यहां की समस्याओं का कोई समाधान नहीं किया गया.
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दल को खुद करनी पड़ेगी शौचालय की व्यवस्था
दल के सदस्यों से जब यहां की समस्याओं के बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि उन्हें शौच के लिए किसी खुले स्थान पर जाना पड़ेगा या फिर आसपास के किसी भवन में व्यवस्था करनी पड़ेगी. वहीं, पेयजल भी उन्हें खुद खरीद कर लाना पड़ा. बता दें कि प्रशासन की ओर से अभी तक इनके लिए कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है.
एक दरवाजे का मतदान केंद्र
नियमानुसार मतदान केंद्र में मतदाताओं के प्रवेश और निकासी के लिए अलग-अलग दरवाजे होने चाहिए. लेकिन मतदान केंद्र संख्या 104 में सिर्फ एक ही गेट है. ऐसे में यहां पर दरवाजे के बीच में बांस की बल्ली लगाकर प्रवेश और निकासी की व्यवस्था की गई है.
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उच्च अधिकारियों को दी थी लिखित में शिकायत
इस संबंध में जब बीएलओ मनोज कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि उनकी तरफ से मतदान केंद्र की समस्याओं को उच्च अधिकारियों को पूर्व में ही अवगत करा दिया गया था. इतना ही नहीं विधानसभा और लोकसभा चुनावों के दौरान भी मतदान दलों ने ऐसे ही हालात में यहां पर चुनाव कराए थे.