डीग (भरतपुर).ब्रज के पर्वत कनकाचल और आदिबद्री को खनन मुक्त करने के लिए चल रहे धरने के 149वें दिन सभी आंदोलनकारियों ने महत्वपूर्ण बैठक की. बैठक में सरकार पर ब्रज के पर्वतों को संरक्षित करने के अपने वादे को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया गया है. इस दौरान उपस्थित अधिकांश धरनार्थियों ने पुनः एक बड़े आंदोलन को प्रारंभ करने की बात की पैरवी की है.
इस संदर्भ में संरक्षण समिति के संरक्षक राधाकांत शास्त्री ने कहा कि एक लंबे संघर्ष के बाद हमें राजस्थान के मुख्यमंत्री से यह उम्मीद जगी थी, कि वह पिछले 10 वर्षों से ब्रज के पर्वत आदिबद्री और कनकाचल को खनन मुक्त करने की हमारी जायज मांग पर त्वरित कार्रवाई कर ब्रजवासियों, विश्वभर के कृष्णभक्तों, साधु संतों और पर्यावरण प्रेमियों की भावनाओं का सम्मान करेंगे. 6 अप्रैल को हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को पूर्ण आश्वस्त किया था कि वह अतिशीघ्र ही ब्रज के परम धार्मिक पर्वत आदिबद्री और कनकाचल को खनन मुक्त कर संरक्षित वन क्षेत्र घोषित करवाएंगे. लेकिन आज उस बात को 68 दिन बीत गए हैं. साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बात का सम्मान करते हुए अपने आंदोलन को उग्र नहीं किया.