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भरतपुर की शुभि को मिला माता-पिता का प्यार, अब स्पेन में मनाएगी जन्मदिन...

दो साल पहले मासूम शुभि से उसके माता-पिता ने मुंह मोड़ लिया और मासूम को बालिका गृह के पालना गृह में लावारिश स्थिति में छोड़ गए. दो साल से बालिका गृह में रह रही शुभि को (Bharatpur Girl Shubhi) अब फिर से माता-पिता का प्यार मिल सकेगा.

Madrid Couple Adopted Baby Girl
भरतपुर की शुभि को मिला माता-पिता का प्यार

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Published : Nov 18, 2022, 6:10 PM IST

भरतपुर. राजस्थान के भरतपुर की शुभि अब अपना जन्मदिन स्पेन में मनाएगी और फिर से उसे माता-पिता का प्यार मिल सकेगा. शुभि को शुक्रवार को (Madrid Couple Adopted Baby Girl) स्पेन की एक दंपती ने गोद ले लिया. सभी कागजी और कानूनी औपचारिकताओं के बाद जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने बच्ची दंपती को सौंपी.

जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने बताया कि स्पेन के मैड्रिड निवासी गैब्रियल और उनकी पत्नी नारिया को बालिका गृह की करीब दो साल की बच्ची शुभि को गोद दिया गया. शुभि का 20 दिसंबर को दूसरा जन्मदिन भी है. ऐसे में शुभि अब अपना दूसरा बर्थडे मैड्रिड में मनाएगी. जिला कलेक्टर ने बच्ची के उज्ज्वल भविष्य की कामना के साथ उसे दंपती को सौंप दिया.

किसने क्या कहा, सुनिए...

भारत के बच्चे बहुत स्मार्ट : मैड्रिड निवासी गैब्रियल ने बताया कि भारत के बच्चे बहुत स्मार्ट होते हैं. उनका व्यवहार भी बहुत अच्छा होता है. यही वजह है कि वो शुभि के रूप में भारत से दूसरा बच्चा गोद ले रहे हैं. इससे पहले वो उड़ीसा से सोनल नाम की बच्ची को भी (Child Adoption Rule in India) गोद ले चुके हैं. साथ ही गैब्रियल ने बताया कि स्पेन और अन्य देशों में बच्चे गोद लेना थोड़ा मुश्किल है. वहां के नियम बहुत सख्त हैं, जबकि भारत में स्पेन व अन्य देशों की तुलना में बच्चे गोद लेना बहुत आसान है. यहां के नियम भी इतने सख्त नहीं हैं. इसीलिए गैब्रियल ने भारत से अब तक दो बच्चियां गोद ली हैं.

2018 से अब तक 9 बच्चे गोद दिए : बाल कल्याण समिति भरतपुर के अध्यक्ष गंगाराम पराशर ने बताया कि यह परिवार कई माह से बच्ची गोद लेने की प्रक्रिया में लगा हुआ था. न्यायालय एवं विभाग की अन्य प्रक्रियाओं को पूरा कर के बच्ची को गोद दे दिया गया. पराशर ने बताया कि वर्ष 2018 से अब तक बाल कल्याण समिति के 9 बच्चों को गोद दिया जा चुका है.

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जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने बताया कि बच्चे को गोद देने के बाद भविष्य में (Child for Adoption in Rajasthan) विभाग की ओर से नियमानुसार लगातार फॉलोअप लिया जाएगा. गोद लेने वाले माता-पिता के मोबाइल नंबर और सभी जरूरी कागजात कानूनी रूप से लिए जाते हैं. बच्चे के बारे में समय-समय पर जानकारी ली जाती है.

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