भरतपुर. सैनी समाज आरक्षण संघर्ष समिति की आज ओबीसी आयोग के साथ वार्ता होगी. वार्ता में संघर्ष समिति के 21 सदस्य भाग लेंगे. आयोग के साथ वार्ता के बाद संघर्ष समिति की सहमति और असहमति पर आंदोलन का रुख तय होगा. वहीं, सैनी, माली, काछी, कुशवाहा आदि समाज के सैकड़ों लोग 11वें दिन भी आरक्षण की मांग को लेकर जयपुर आगरा हाईवे पर अरोदा के पास आंदोलनरत हैं. क्षेत्र में अभी भी इंटरनेट सेवाएं बंद हैं.
संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी डीके कुशवाहा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ हुई वार्ता में तय हुआ था कि 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर समाज की ओबीसी आयोग के साथ वार्ता कराई जाएगी. आज ओबीसी आयोग से वार्ता के लिए संघर्ष समिति के 21 सदस्य रवाना होंगे. आयोग से वार्ता के बाद ही आरक्षण आंदोलन का रुख तय होगा.
इसलिए मांग रहे 12 प्रतिशत आरक्षण : कुशवाहा ने बताया कि प्रदेश के 27 जिलों में सैनी, माली, काछी, कुशवाहा आदि समाज के करीब 1.50 करोड़ लोग रहते हैं. यही वजह है कि हम सरकार से 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं. हम लंबे समय से सरकार से आरक्षण की मांग कर राजे हैं, लेकिन कभी सुनवाई नहीं हुई. मजबूर होकर समाज को आंदोलन का रास्ता चुनना पड़ा है.
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11 वें दिन आंदोलन जारी : उधर 11 वें दिन सोमवार को भी सैनी समाज आरक्षण संघर्ष समिति के नेतृत्व में समाज का आंदोलन जारी है. सैनी, कुशवाहा, माली, काछी आदि समाज के सैकड़ों लोग 21 अप्रैल से लगातार जयपुर आगरा हाईवे पर अरोदा के पास आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन के दौरान आंदोलन स्थल के पास 24-25 अप्रैल की रात आंदोलनकारी मोहन सैनी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, जिसका 29 अप्रैल की रात पुलिस प्रशासन ने पैतृक गांव में अंतिम संस्कार करा दिया. आंदोलन के हालात को देखते हुए नदबई, वैर, भुसावर क्षेत्र में लगातार इंटरनेट सेवाएं बंद हैं.