भरतपुर. सैनी समाज का आरक्षण आंदोलन सोमवार को नाटकीय मोड़ लेता रहा. आंदोलनकारियों की मांग पर संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी समेत 16 लोगों को जेल से रिहा कर दिया गया. इसके बाद देर रात तक समाज प्रतिनिधिमंडल के नामों को लेकर एक राय नहीं हो सका. बाद में रात 9.15 बजे 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल फाइनल कर मुख्यमंत्री से वार्ता के लिए जयपुर रवाना हुआ. उधर आंदोलनकारी हाईवे पर ही डटे हुए हैं. जयपुर में मुख्यमंत्री से सकारात्मक बात होने पर ही आंदोलन स्थल खाली करेंगे.
पहले स्वागत, फिर विरोधः सोमवार को संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी, समिति के मुख्य सचिव बदन सिंह कुशवाहा, शैलेंद्र सिंह कुशवाहा, नंद लाल माली समेत 16 लोगों को एसडीएम कोर्ट द्वारा जमानत पर रिहा कर दिया गया. जेल से रिहा होने के बाद सभी 16 लोग आंदोलन स्थल पर पहुंचे, जहां पर लोगों ने उनका स्वागत किया. मुरारी लाल सैनी ने जैसे ही आंदोलनकारियों को संबोधित किया और उन्हें सुझाव दिया कि आप लोग हाईवे छोड़कर 500 मीटर दूर खेत में पड़ाव डाल लीजिए. हमारा प्रतिनिधिमंडल वार्ता करने के लिए जयपुर जाएगा. इस बात पर आंदोलनकारी भड़क गए और मुरारी लाल सैनी का विरोध करते हुए हाईवे खाली करने से मना कर दिया.
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अंदोलनस्थल पर बुलाने की जिदःमीडिया प्रभारी डीके कुशवाहा ने बताया कि आंदोलन स्थल पर लोगों ने साफ कहा कि सरकार की 12% आरक्षण पर मंशा साफ नहीं है. इसलिए हमें 12% आरक्षण पर ही बात करनी है और इसके लिए जब तक सरकार का 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मांगों के सहमति प्रस्ताव को लेकर आंदोलन स्थल पर नहीं आएगा, तब तक आंदोलन स्थल को खाली नहीं किया जाएगा. इसी मांग को लेकर आंदोलनकारी देर रात तक अड़े रहे.
प्रतिनिधिमंडल वार्ता को रवानाः रात करीब 9.15 बजे आंदोलनकारी समाज के नेताओं की बात से सहमत हुए और 21 सदस्य एक प्रतिनिधिमंडल तैयार किया गया. इस प्रतिनिधिमंडल में संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी समेत 20 लोग शामिल हैं. प्रतिनिधिमंडल आंदोलन स्थल से मुख्यमंत्री से वार्ता करने के लिए जयपुर रवाना हो गया हैं. मीडिया प्रभारी डीके कुशवाहा ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए जयपुर रवाना हो गया है लेकिन आंदोलनकारी अभी भी हाईवे पर डटे हुए हैं. समाज के लोगों के बीच इस बात पर सहमति बनी है कि जयपुर में प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री के साथ सकारात्मक वार्ता होने पर, जब आंदोलनकारियों को सूचना मिल जाएगी, तभी आंदोलन स्थल को खाली किया जाएगा.