कामां (भरतपुर). कामां क्षेत्र के मुरार गांव में तपो भूमि के बेचान के विरोध में साधु संतों की ओर से 3 दिन पहले प्रशासन को ज्ञापन देकर अवगत कराया गया था. जिसमें यह कहा गया था कि बनी भूमि (तपोस्थल) को वन क्षेत्र घोषित नहीं किया गया तो 3 दिन बाद वे आत्मदाह को मजबूर होंगे. जिसके बाद गुरुवार दोपहर को एक साधु मुरार गांव स्थित मंदिर की चोटी पर चढ़ गया. और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगा. प्रशासन का कोई भी अधिकारी अभी तक नहीं पहुंचा है.
जानकारी के अनुसार कामां क्षेत्र के गांव मुरार मुल्लाका के पास साधुओं की तपोभूमि वन क्षेत्र बनी को वन क्षेत्र घोषित कराए जाने के लिए साधु-संतों ने एसडीएम बनवारीलाल शर्मा को पूर्व में ज्ञापन सौंपकर मांग की थी. जिसमें चेतावनी दी गई थी कि अगर तीन दिवस में तपोभूमि को वन क्षेत्र घोषित नहीं किया गया तो साधु संत आत्मदाह करेंगे, जिसका जिम्मेदार स्थानीय प्रशासन होगा.
जिसके बाद गुरुवार को साधु मंदिर की चोटी पर चढ़ा गया और आत्मदाह का प्रयास कर रहा है लेकिन अभी तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है और सैकड़ों की तादात में मंदिर के नीचे महिला-पुरुष एकत्रित हैं, जो प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं.