राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

संघ के पूर्व कार्यवाहक प्रकाश चंद शर्मा ने सुनाया रामलला के विहिप कार्यालय पहुंचने का पूरा किस्सा

संघ के पूर्व कार्यवाहक प्रकाश चंद शर्मा ने रामलला के विहिप कार्यालय पहुंचने के किस्से को बताते हुए कहा कि हम 5 दिसंबर को अयोध्या पहुंचे थे. वहां विहिप कार्यालय में लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, विनय कटियार और मदन दिलावर मौजूद थे. उनकी मौजूदगी में एक अहम बैठक हुई, जिसमें सभी की जिम्मेदारियां तय हुई थी और हम रामलला को विहिप कार्यालय पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई थी.

RSS purv karyavahak Prakash Chand
RSS purv karyavahak Prakash Chand

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 11, 2024, 10:33 AM IST

संघ के पूर्व कार्यवाहक प्रकाश चंद शर्मा

भरतपुर. पूरे भारतवर्ष में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोर-जोर से की जा रही है. साल 1992 में अयोध्या में जिन कारसेवकों और लोगों ने योगदान दिया था, उनका उत्साह देखने लायक है. जिले के बयाना कस्बा के कोर्ट में स्टेनोग्राफर प्रकाश चंद शर्मा उनमें से एक हैं. उन्होंने बताया, ''6 दिसंबर, 1992 का दिन था. अयोध्या में लाखों की भीड़ थी. हमने मस्जिद के गुम्बद से रामलला की मूर्ति को बाहर निकाला और उसे विहिप कार्यालय में ले जाकर स्थापित किया था. अब 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है, यह दिन हमारे लिए बड़ा ही गौरवान्वित करने वाला है.''

मैं वाहिनी प्रमुख था : प्रकाश चंद शर्मा ने बताया, ''देश के अलग-अलग राज्यों से वाहिनियां अयोध्या पहुंच रही थीं. लाखों की संख्या में लोग अयोध्या का रुख कर रहे थे. उस समय मैं कोटा में स्टेनोग्राफर के रूप में कार्यरत था. हमारी भी एक वाहिनी कोटा से 4 दिसंबर, 1992 को अवध एक्सप्रेस से रवाना हुई थी. मैं वाहिनी प्रमुख था. हम 5 दिसंबर को अयोध्या पहुंचे, जहां विहिप कार्यालय में लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, विनय कटियार और मदन दिलावर मौजूद थे. उन्होंने बैठक कर सभी की जिम्मेदारियां तय की थी.''

इसे भी पढ़ें -मूर्तिकार ने 7 महीने में 90 साल पुराने मकराना के संगमरमर पत्थर में भगवान राम के बाल स्वरूप को गढ़ा

हमें मिली थी नीचे की जिम्मेदारी :शर्मा ने बताया, ''हमें गुम्बद के नीचे की जिम्मेदारी मिली थी, जबकि बिहार की वाहिनियों को गुम्बद के ऊपर की जिम्मेदारी दी गई थी. मस्जिद के आसपास लाखों की भीड़ थी. पुलिस ने कहीं हस्तक्षेप नहीं किया. हमने सिर पर पर्दे बांध लिए. नीचे से गुम्बद के ऊपर मौजूद कारसेवकों को फावड़ा, कुदाल पकड़ा रहे थे. बिहार के कारसेवक मस्जिद के ऊपर गुम्बद वाले हिस्से को तोड़ रहे थे.''

हमने रामलला की मूर्ति को विहिप कार्यालय पहुंचाया :उसी समय कोटा वाहिनी को बोला गया कि गुम्बद में से रामलला की मूर्ति को निकालकर विहिप कार्यालय पहुंचाया जाए. हम लोग दौड़कर गुम्बद में घुसे और रामलला की मूर्ति को उठाकर विहिप कार्यालय पहुंचे, जहां एक चबूतरे का निर्माण कर रामलला को स्थापित किया. लंबे इंतजार के बाद रामलला अपने मूल स्थान पर विराजेंगे. 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी. यह क्षण हमारे लिए गौरवान्वित करने वाला है.''

ABOUT THE AUTHOR

...view details