भरतपुर.विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारियों में सभी सियासी पार्टियों ने दमखम झोंक दिया है. भाजपा हो या फिर कांग्रेस सभी की नजर पूर्वी राजस्थान पर टिकी हुई है, लेकिन यह तय है कि आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा और कांग्रेस दोनों को ही किसान और युवाओं का गुस्सा झेलना पड़ सकता है. केंद्र सरकार के एआरसीपी परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करने से जहां किसान और आमजन नाराज हैं. वहीं, प्रदेश में कर्जा माफ नहीं होने और बार-बार पेपर लीक की घटनाओं से किसान और युवाओं में भी खासा रोष है.
भारी पड़ सकता है ईआरसीपी का मुद्दा - भाजपा सरकार के समय ही 13 राज्यों को सिंचाई और पीने के लिए पानी उपलब्ध कराने को ईआरसीपी योजना तैयार की गई. लेकिन अब केंद्र की भाजपा सरकार ही इस योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने से पल्ला झाड़ रही है. 13 जिलों के लिए जीवनदायिनी साबित होने वाली ईआरसीपी योजना को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही एक दूसरे के सिर पर दोष मढ़ने में लगे हैं.
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शहर के सुनील कुमार का कहना है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां ईआरसीपी को लेकर राजनीति कर रही हैं. राजनीति के चलते ईआरसीपी परियोजना को ना तो राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिल पा रहा है और ना ही इस परियोजना पर कोई काम हो पा रहा है. इस परियोजना से 13 जिले के लोग लाभान्वित होने वाले थे, लेकिन अब आगामी चुनावों में 13 जिले के मतदाताओं का राजनीतिक पार्टियों को गुस्सा झेलना पड़ सकता है.
पेपर लीक से बेरोजगार खफा - आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को युवा मतदाताओं की नाराजगी भी झेलनी पड़ सकती है. बीते 4 साल में तमाम परीक्षाएं आयोजित हुई. लेकिन बार बार पेपर लीक होने की वजह से शिक्षक परीक्षा, जेईएन परीक्षा समेत कई परीक्षाएं रद्द कर दुबारा आयोजित करनी पड़ीं. बीते चार साल में प्रदेश में पेपर लीक के 16 मामले दर्ज हुए.बेरोजगार युवा विक्की ने बताया कि सरकार कई कई साल में तो भर्तियां निकलती है, परीक्षा आयोजित करती है. उसमें भी पेपर लीक की घटनाएं हो जाती हैं. मेहनत करने वाले युवाओं का मनोबल टूटता है और वो आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं.
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कोई कर्जा माफ नहीं हुआ - कांग्रेस ने प्रदेश के किसानों से चार साल पहले कर्जा माफ करने का वादा किया था. लेकिन किसान अभी भी कर्जा माफी का इंतजार कर रहा है. पास्ता गांव निवासी किसान रामवीर ने बताया कि उसके कर्जा का एक रुपया भी माफ नहीं हुआ, न ही अभी तक फसल खराबे का कोई मुआवजा मिला. किसान रामवीर ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार का 5 साल का कार्यकाल बहुत ही खराब रहा.