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Rajasthan Assembly Election 2023 : राजनीति के इतिहास में विरला उदाहरण थे चौधरी तैय्यब हुसैन, एक नहीं, तीन राज्यों में बने थे मंत्री - भारतीय सियासत

भारतीय सियासत में एक ऐसा भी राजनेता हुआ, जो एक नहीं, बल्कि तीन राज्यों में मंत्री बना. उस राजनेता का नाम चौधरी तैय्यब हुसैन था, जो महज 26 साल की उम्र में पहली बार विधायक चुने गए थे.

Rajasthan Assembly Election 2023
Rajasthan Assembly Election 2023

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 4, 2023, 7:55 AM IST

भरतपुर.जिले की राजनीति के इतिहास में एक ऐसा राजनेता हुआ, जो देश की राजनीति का अनूठा उदाहरण बना. 'चौधरी' की उपाधि वाले तैय्यब हुसैन ऐसे विरले राजनेता थे, जो न केवल राजस्थान में बल्कि पंजाब और हरियाणा में भी मंत्री रहे. चौधरी तैय्यब हुसैन के सियासी रथ पर लंबे समय तक विजय पताका लहराता रहा और आखिर में उनके इस विजय रथ को एक नेता ने रोका था. आइए जानते हैं कौन थे तीन राज्यों में मंत्री रहे चौधरी तैय्यब हुसैन और किसने उनकी विजय पर विराम लगाया था.

26 साल की उम्र में बने विधायक :चौधरी तैय्यब हुसैन का जन्म भरतपुर के रेहान गांव में 7 सितंबर, 1936 को हुआ था. साल 1962 में महज 26 साल की उम्र में वो पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए और मंत्री बने. संभवतः मेवात क्षेत्र से वो पहले और बहुत कम उम्र के मंत्री बने. इसके बाद साल 1965 से 1978 तक पंजाब वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे. पिता चौधरी यासीन खान की मौत के बाद तैय्यब हुसैन को 36 बिरादरी ने चौधरी चुना और तैय्यब हुसैन अब चौधरी तैय्यब हुसैन बन गए. साल 1971 में गुड़गांव और उसके बाद 1980 में फरीदाबाद से सांसद चुने गए. उसके बाद हरियाणा की तावडू विधानसभा से विधायक व मंत्री रहे.

चौधरी तैय्यब हुसैन

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तीन राज्यों में मंत्री बनने का रिकॉर्ड :साल 1993 में चौधरी तैय्यब हुसैन भरतपुर की कामां विधानसभा से चुनाव लड़े और यहां से 52.19% मत हासिल कर विधायक बनकर राजस्थान सरकार में कृषि, ग्रामीण विकास व स्वास्थ्य मंत्री बने. इस तरह चौधरी तैय्यब हुसैन के नाम तीन राज्यों में मंत्री बनने का रिकॉर्ड दर्ज हुआ. इसके बाद 1998 में भी कांग्रेस के टिकट पर कामां से जीत दर्ज की.

ऐसे थमा विजय रथ : साल 2003 के चुनाव में चौधरी तैय्यब हुसैन को क्षेत्रवासियों की नाराजगी झेलनी पड़ी. भाजपा प्रत्याशी के रूप में हिंदू प्रत्याशी मदन मोहन सिंघल मैदान में थे. उधर, तैय्यब हुसैन के ही समाज का एक और मेव प्रत्याशी नूर मोहम्मद बसपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में कूद गया. ऐसे में चुनावों में मदन मोहन सिंघल 47.63% मत हासिल कर विजयी हुए और चौधरी तैय्यब हुसैन का विजय रथ थम गया.

अब बेटी सक्रिय :अक्टूबर 2008 में चौधरी तैय्यब हुसैन की मौत के बाद कामां विधानसभा से उनकी बेटी जाहिदा खान कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरी. जाहिदा को 47.2% मतों के साथ जीत मिली. वर्ष 2013 के चुनाव में जाहिदा को भाजपा प्रत्याशी जगत सिंह ने शिकस्त दी और 2018 के चुनाव में फिर से 58.04% वोट हासिल कर जाहिदा जीत गई. इस बार जाहिदा को कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में देखा जा रहा है लेकिन क्षेत्र में जाहिदा को जगह जगह क्षेत्रवासियों के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है.

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