भरतपुर. भारतीय जनता पार्टी ने आचार संहिता लगते ही सोमवार को अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी. इसके साथ ही भाजपा के जिन नेताओं को टिकट नहीं मिला है, उनकी नाराजगी भी सामने आने लगी है. नगर विधानसभा सीट से दो बार की पूर्व विधायक अनीता सिंह गुर्जर के बजाय जवाहर सिंह बेढम को टिकट दिया गया. टिकट कटने से नाराज पूर्व विधायक अनीता सिंह ने बागी तेवर दिखाते हुए अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर स्पष्ट लिखा है कि भाजपा ने एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया है, जो वर्ष 2018 में कामां विधानसभा सीट पर 50 हजार वोटों से हारा था. साथ ही लिखा है कि वसुंधरा राजे कैंप का मानकर मुझे भाजपा ने अपने से दूर किया. ऐसे में अनीता सिंह बागी बनकर चुनाव मैदान में भी उतर सकती हैं.
चुनाव लडना चाहिए : अनीता सिंह ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा है कि मुझे टिकट नहीं मिलने के बाद क्षेत्र से हजारों फोन आ रहे हैं और बोल रहे हैं कि मुझे चुनाव लड़ना चाहिए. उन्होंने लिखा है कि मैं जनता की भावनाओं का सम्मान करती हूं और मंगलवार शाम को जनता के बीच उपस्थित रहूंगी, बात करुंगी. जनता का जो भी आदेश होगा सर आंखों पर होगा. इससे स्पष्ट है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से अनीता सिंह ने चुनाव लड़ने की संभावनाओं का एलान कर दिया है.
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वसुंधरा खेमे की वजह से दूर किया : अनीता सिंह को वसुंधरा समर्थक माना जाता है. ऐसे में अनीता सिंह ने लिखा है कि वसुंधरा जी के कैंप का मनकर मुझे भाजपा ने अपने से दूर किया है और उसे टिकट दिया है जिसकी जमानत जब्त होगी, जो कामां में 50 हजार वोटों से हारा था. ऐसे में अनीता सिंह ने टिकट वितरण पर खुद की नाराजगी जाहिर कर दी है. अनीता सिंह ने लिखा है कि हमने नगर के कुशासन, भ्रष्टाचार, तुष्टीकरण के खिलाफ पिछले 5 सालों तक आंदोलन कर जनता की आवाज को बुलंद किया है. अब आगामी 40 दिनों में इस लय को और अधिक धार देते हुए जनता के बीच परिवर्तन की लहर इतनी प्रचंड बनाइए कि तुष्टिकरण नाम की बीमारी जड़ से खत्म हो जाए.
चल रही वार्ता : सोमवार को भरतपुर दौरे पर आए भाजपा के राजस्थान चुनाव प्रभारी प्रहलाद सिंह ने टिकट घोषणा से नाराज भाजपा नेताओं को लेकर कहा था कि पार्टी स्तर पर ऐसे लोगों से वार्ता की जा रही है. ऐसे लोगों को वार्ता कर समझाइश का प्रयास किया जा रहा है. भाजपा कैडर बेस पार्टी है कोई दिक्कत नहीं आएगी.
गौरतलब है कि अनीता सिंह वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में नगर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरी थीं और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. उससे पहले अनीता सिंह वर्ष 2008 और 2013 में नगर से भाजपा विधायक रह चुकी हैं, जबकि वर्ष 1996 में जिला प्रमुख रहीं.