भरतपुरः डीग का जलमहल 2020 में कोरोना वायरस की वजह से पड़ा था सूना, मात्र 11 हजार विदेशी सैलानी ही पहुंचे
डीग का जलमहल देसी विदेशी सैलानियों की पसंद बन चुका हैं, लेकिन साल 2020 पर्यटन के लिहाज से बेहद ही खराब निकला है. इस साल मात्र 35 प्रतिशत देसी सैलानी ही जलमहलों का दीदार करने डीग पहुंचे.
कोरोना वायरस की वजह से सूना पड़ा जलमहल
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Published : Feb 3, 2021, 4:13 PM IST
डीग (भरतपुर). कोरोनाकाल में सबसे बड़ा नुकसान पर्यटन को हुआ है. सैलानियों की पसंद बन चुके जलमहलों के लिए साल 2020 पर्यटन के लिहाज से बेहद ही खराब निकला है. इस साल मात्र 35 प्रतिशत देसी सैलानी ही जलमहलों का दीदार करने डीग पहुंचे.
कोरोना वायरस की वजह से सूना पड़ा जलमहल
आंकड़ों की अगर बात की जाए तो मात्र 11 हजार 79 देसी और 421 विदेशी सैलानी ही घूमने के लिए डीग जलमहल पहुंचे थे. वहीं, 2020 में मार्च, अप्रैल और मई के दौरान लॉकडाउन के कारण एक भी सैलानी जलमहलों में नहीं पहुंचा. जिससे पर्यटन व्यवसाय को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है. हालांकि दिसंबर महीने में देसी सैलानियों की आवक में बढ़ोतरी जरूर देखने को मिली, लेकिन पिछले तीन माह में आए सैलानियों की संख्या पूरी नहीं हो सकी. अप्रैल से दिसंबर तक महज 2 विदेशी सैलानी ही डीग पंहुचे.
जनवरी से लेकर मार्च तक 3 माह में 6 हजार 791 सैलानी जलमहल पहुंचे, लेकिन उसके बाद कोरोनाकाल में पर्यटन को लगे ग्रहण के कारण 9 महीने में सिर्फ 4 हजार 709 सैलानी ही आए. अप्रैल, मई और जून में एक भी सैलानी नहीं आया. कोरोनाकाल के बाद पर्यटन व्यवसाय को काफी नुकसान हुआ है.
सरंक्षण सहायक प्रभारी अधिकारी मुदस्सर अली ने बताया कि वर्ल्ड में कोरोना वायरस महामारी में टूरिज्म इंडस्ट्री में करीब 70 प्रतिशत की गिरावट आई है. विदेशी टूरिस्ट तो लगभग आना ही बंद हो गए थे. साथ ही, घरेलू पर्यटकों की संख्या में भी करीब 20 प्रतिशत से ज्यादा की कमी आई है. कोरोनाकाल के लाकडाउन में अप्रैल से दिसंबर माह तक 2 विदेशी पर्यटक ही जलमहलों में आए. वे भी अपने बैच पर लिखकर लाए कि- आई एम नॉट कोरोना पॉजिटिव, आई एम नेगेटिव. ताकि लोग यह नहीं सोचें कि वे भी कोरोना संक्रमित हो सकते हैं.
जलमहलों के नजदीकी क्षेत्रों में दुकानदारों सहित फेरी लगाने वालों का कहना है कि किसी समय में पर्यटकों की इतनी भरमार रहती थी कि दुकान-थड़ी पर काम करने वालों की कमी खलती थी. पर्यटकों के अलावा उनकी गाड़ियों का ठहराव भी यहीं होता था. जिससे उनके तरफ से खानपान से लेकर अन्य कुछ ना कुछ खरीद करने में अच्छी आय होती थी, लेकिन वर्तमान में कोरोनाकाल से ही पर्यटकों में आई कमी के चलते दो पैसे कमाने में कमी देखने को मिल रही है.
डीग में पर्यटन स्वागत केंद्र की बेहद कमी खलती है. विश्वविख्यात पर्यटन स्थल को मानचित्र में दर्शाया जाए तो डीग में पर्यटन का विकास हो. वहीं, डीग में पर्यटन स्वागत केंद्र नहीं होने से पर्यटन दिवस अन्य आयोजनों पर पर्यटकों के स्वागत सत्कार के लिए कोई कार्यक्रम नहीं हो पाते. साथ ही जलमहलों की अधिक जानकारी नहीं होने से पर्यटक जिला मुख्यालय स्थित पर्यटन स्थलों का अवलोकन कर आगरा, ग्वालियर, जयपुर की ओर रूख कर लेते हैं. इससे यहां पर्यटकों को लुभाने के लिए कोई ठोस योजना अमल में नहीं लाई जाने से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा नहीं मिल पा रहा है.
हालंकि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पूर्व पर्यटन मंत्री केबिनेट विश्वेन्द्र सिंह ने जलमहलों में डीग महोत्सव की अलख जगाई है. डीग महोत्सव के पहले आयोजन की सफलता के साथ ही जलमहलों में संग्रहालय दिवस, पर्यटन दिवस सहित डीग मेले के आयोजन पर महलों में चलने वाले रंगीन फब्बारों के प्रदर्शन को देखने के लिए देसी सैलानी तो पंहुच जाते हैं, लेकिन आयोजन के अधिक प्रचार-प्रसार नहीं होने से विदेशी सैलानी जलमहलों में शिकरत नहीं कर पाते हैं.