आरक्षण के लिए आंदोलन, कल से महापड़ाव भरतपुर.आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि जाट आरक्षण आंदोलन की लड़ाई दोनों जिले का जाट समाज 1998 से लड़ता आ रहा है. बीते 25 सालों से आरक्षण की लड़ाई के लिए कागज की पूर्ति हम करते आ रहे हैं, सभी कानूनी कार्रवाई पूरी होने के बाद भी सरकार दोनों जिलों के जाटों का मखौल उड़ा रही है. अब जाट समाज तंग आ चुका है. इस बार जाट समाज आर-पार की लड़ाई के मूड में है.
कल से महापड़ाव:नेम सिंह ने कहा कि जयचौली गांव के रेलवे ट्रैक के पास 17 जनवरी से महापड़ाव शुरू होगा. उन्होंने कहा कि शुरुआत में आंदोलन का रूप गांधीवादी तरीके से होगा. हमने सरकार को 7 से 17 जनवरी तक का समय दिया था, लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक कोई पहल नहीं हुई है. हम कल से आंदोलन शुरू करेंगे, सरकार का इंतजार करेंगे. वह गांधीवादी तरीके को गंभीर से लेते हुए जाट समाज की वाजिब मांगे पूरा करें तो हम सरकार को धन्यवाद देंगे. अगर सरकार गांधीवादी तरीके को हमारी कमजोरी समझे, तो यह सरकार की बहुत बड़ी भूल होगी. हम पूर्ण रूप से आर पार की लड़ाई लड़ेंगे.
पढ़ें: जाट आरक्षण को लेकर 17 जनवरी से आंदोलन की शुरुआत! विश्वेन्द्र सिंह बोले- आरक्षण नहीं तो वोट नहीं
जयचौली पर महापड़ाव: नेम सिंह ने कहा कि इसके लिए गांव-गांव जाकर लोगों को संगठित किया है. यह हमारे बच्चों के भविष्य की लड़ाई है. हमने टीमें गठित कर ली हैं. भोजन और अन्य जिम्मेदारियां टीमों को सौंप दी गई हैं. आंदोलन का मुख्य उद्देश्य है, अभी नहीं तो कभी नहीं. इस बार हम तब पीछे हटेंगे, जब आरक्षण मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार ज्यादातर राज्यों में है, लेकिन हमारे लिए भरतपुर में ट्रिपल इंजन की सरकार है. नेम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री भी हमारे जिले से हैं. हम उम्मीद रखते हैं कि वो केंद्रीय नेतृत्व से वार्ता कर इस समस्या का समाधान कराए. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया, तो रेल की पटरी और सड़क पर जाना जाट समाज की मजबूरी होगी.
पढ़ें: ओबीसी में आरक्षण की मांग, विश्नोई समाज अगले महीने करेगा महापंचायत
ये है भरतपुर-धौलपुर के जाटों की मांग: बता दें कि भरतपुर और धौलपुर की जाटों की आरक्षण की मांग वर्ष 1998 से चली आ रही है. वर्ष 2013 में केंद्र में मनमोहन की सरकार ने भरतपुर और धौलपुर के जाटों सहित अन्य नौ राज्यों के जाटों को केंद्र में ओबीसी का आरक्षण दिया था, लेकिन वर्ष 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेते हुए 10 अगस्त 2015 को भरतपुर और धौलपुर की जाटों का के केंद्र में ओबीसी का आरक्षण खत्म कर दिया था. अब फिर से दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में आरक्षण की मांग उठी है. वहीं, आंदोलन की चेतावनी को देखते हुए मंगलवार को आईजी रुपिंदर सिंह, कलेक्टर लोक बंधु और पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने जयचौली पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया.