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Bank Fraud: सेंट्रल बैंक में 2 करोड़ 85 लाख से अधिक की धोखाधड़ी, कर्मचारियों समेत 71 लोगों पर मुकदमा - Rajasthan hindi news

भरतपुर के डीग में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 2 करोड़ 85 लाख 45 हजार की धोखाधड़ी का मामला (more than 2 crore 85 lakh rupees fraud) सामने आया है. बैंक कर्मचारियों ने 71 लोगों के साथ मिलकर लोन के नाम पर फ्रॉड किया है. डीग कोतवाली में चार बैंक कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

fraud in central bank India deeg
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Published : Oct 16, 2022, 6:01 PM IST

Updated : Oct 16, 2022, 8:30 PM IST

डीग (भरतपुर). पुरानी अनाज मंडी स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की डीग शाखा (central bank india deeg Bharatpur) में 2 करोड़ 85 लाख 45 हजार रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. बैंक कर्मियों ने ही 71 लोगों के साथ मिलकर फर्जी एकाउंट खोलकर गलत तरीके से लोन देकर बड़ा घोटाला (fraud in central bank India deeg) किया है. बैंक के वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान हुए ऑडिट में यह खुलासा हुआ है. मामले में 4 लोगों को खिलाफ डीग कोतवाली में मामला दर्ज किया गया है.

डीग कोतवाली एएसआई सियाराम धाकड़ ने बताया कि बैंक में खाताधारकों को वित्तीय सुविधा मुहैया कराने के लिए सुनियोजित तरीके से षडयंत्र कर बैंककर्मियों ने बैंक को 2 करोड़ 85 लाख 45 हजार से अधिक का फ्रॉड का मामला सामने आया है. मामला पुरानी अनाज मंडी स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की डीग शाखा का है. घटना का खुलासा होने पर बैंक प्रबंधन ने आरोपी चार कर्मचारियों के खिलाफ 71 लोगों के साथ मिलकर बैंक को करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज कराया है.

Bank Fraud

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सैंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की क्षेत्रीय प्रमुख कविता ठाकुर की ओर से शाखा प्रबंधक योगेश कुमार रैगर ने डीग पुलिस को दी गई रिपोर्ट में बताया कि वर्ष 2019 से वर्ष 2021 तक बैंक में कार्यरत तत्कालीन शाखा प्रबंधक सुनील कुमार मीना, कृषि वित्त अधिकारी नीरज जोन, सहायक प्रबंधक अनूप चन्द मीना, प्रबंधक सत्यपाल मीना ने विभिन्न खाताधारकों को वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सुनियोजित तरीके से षडयंत्र रचकर 73 ऋण खातों के जरिए 71 लोगों के बैंक में खाते खुलवाकर 2 करोड़ 85 लाख 45 हजार 224 रुपए विभिन्न खातों में भुगतान कर आपस में बांट लिए.

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नियमों की अनदेखी कर खुलवाए खाते
विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत बैंक की ओर से ऋण दिए जाने के नियमों की अनदेखी कर 71 लोगों से सांठगांठ कर बैंक 73 फर्जी खाते खुलवाए गए. इसके बाद फर्जी ढंग से उन्हें ऋण सुविधा मुहैया कराई गई. ऋण के लिए दिए गए कोटेशन, क्रय बिल, आपूर्तिकर्ता आदि का ब्यौरा भी नहीं लिया गया.

वर्ष 2020-21 की ऑडिट में हुआ खुलासा
मामले का खुलासा बैंक के वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान हुए ऑडिट में हुआ. ऑडिट के दौरान खातों में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं. इनमें भुगतान मुद्रा लोन अंतर्गत सप्लायर्स को किए जाने वाला भुगतान आवेदक को उसके खाते में कर दिया गया. यहां सप्लायर्स को भुगतान किया गया. वहां बैंक कर्मचारी, ऋणी और अन्य की ओर से मिलीभगत कर ऋण राशि को खुर्द-बुर्द कर दिया गया. बगैर संपत्ति के कागज दिए आवेदक को ऋण दे दिए गए. आवास ऋण में बतौर ऋण प्रतिभूति भी जमा नहीं की गई.

Last Updated : Oct 16, 2022, 8:30 PM IST

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