भरतपुर.बृजभूमि में इस बार भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव यानी कृष्ण जन्माष्टमी 7 सितंबर को मनाई जाएगी. 7 सितंबर की रात 12 बजे भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा और इस दौरान मंदिरों में झालर घंटी नहीं बजेंगे. भक्तगण 7 सितंबर को ही व्रत रखेंगे. हालांकि 6 सितंबर को अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र लग जाएगा. लेकिन उदया तिथि में 7 सितंबर की रात को ही जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा.
पंडित मनु मुद्गल ने बताया कि 6 सितंबर को दोपहर बाद 3.37 पर अष्टमी तिथि लग जाएगी. 6 सितंबर की रात 12 बजे अष्टमी तिथि के साथ रोहिणी नक्षत्र भी रहेगा, लेकिन भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव 6 सितंबर की रात 12 बजे के बजाय 7 सितंबर रात 12 बजे मनाया जाएगा. इसको लेकर पंडित मनु मुद्गल ने बताया कि हमारे शास्त्रों में मान्यता है कि हमेशा पर्व उदया तिथि में ही मनाए जाते हैं. ऐसे में 7 सितंबर को अष्टमी की उदया तिथि है. 6 सितंबर दोपहर बाद 3.37 बजे से 7 सितंबर शाम 4 बजे तक अष्टमी तिथि रहेगी. जबकि 6 सितंबर सुबह 9.20 बजे से 7 सितंबर सुबह 10.25 तक रोहिणी तिथि रहेगी. ऐसे में वैष्णव संप्रदाय के अनुसार लोग 7 सितंबर को व्रत रखेंगे.