भरतपुर.श्रीफल यानी लक्ष्मी का फल. श्रीफल का महत्व हमारे वेदों, उपनिषदों और धार्मिक ग्रंथों में विस्तार से बताया गया है. सभी प्रकार के धार्मिक आयोजनों में श्रीफल का उपयोग किया जाता है. श्रीफल का धार्मिक उपयोग कर जातक अपने जीवन में कई सकारात्मक प्रभाव देख और महसूस कर सकते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि श्रीफल का उपयोग कैसे किया जा सकता है.
वैदिक पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता, गरीबी है, व्यवसाय में सही उन्नति नहीं हो रही है तो जातक पंडित से सही समय निकलवाकर श्रीफल पर रोली का स्वस्तिक बनाकर, उसकी धूप, दीप, पुष्प, अक्षत से पूजा कर लाल वस्त्र में रखकर मां लक्ष्मी को अर्पित करें. इससे जातक के जीवन की दरिद्रता दूर होगी और जीवन में धन धान्य की प्राप्ति होगी. यदि जातक उसी श्रीफल को लाल रेशमी वस्त्र में लपेटकर अपनी तिजोरी या पैसे रखने के स्थान पर रख दे तो व्यवसाय का घाटा दूर होगा. व्यवसाय में तेजी से वृद्धि होगी.
पढ़ें-Jyotish Shastra: गुप्त नवरात्रि में मां भगवती के 10 विद्याओं की आराधना, भूल से न करें ये गलतियां
पढ़ें-ज्योतिष शास्त्र: इनको किया दान तो दोषों से मिलेगी मुक्ति, जीवन में आएंगे चमत्कारिक बदलाव
पढ़ें-ज्योतिष शास्त्र: अगर चमकानी है किस्मत तो धारण करें यह रत्न, जानें पहनने का सही तरीका
पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि जातक के जीवन में कई बार राहु और केतु की दशा आ जाती है. इससे जातक को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यदि जातक बुधवार के दिन शुभ समय में श्रीफल का पूजन कर गणेश जी को अर्पित करें तो गणेश जी की कृपा बरसती है. साथ ही जातक के जीवन में से राहु, केतु की दशा के प्रभाव समाप्त हो जाते हैं. उसके जीवन में सुख, शांति लौटती है.