असहाय बच्चों का भविष्य संवार रहा अपना घर विद्यालय. भरतपुर.मानव सेवा के लिए देश व दुनिया में पहचाना जाने वाला अपना घर आश्रम बेसहारा और गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा दिलाकर उनका भविष्य संवार रहा है. आश्रम के स्कूल में आश्रम के आवासित और सेवा साथियों के 145 बच्चों को निशुल्क और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है. जिससे ये बच्चे पढ़ लिखकर योग्य बनें और समाज की मुख्य धारा में शामिल होकर सुखमय जीवन व्यतीत कर सकें.
अपना घर आश्रम स्कूल की प्राचार्य रेखा रानी ने बताया कि स्कूल में 145 बच्चे अध्यनरत हैं. इनमें से आश्रम में आवासीय करीब 125 बच्चे और 20 बच्चे सेवा साथियों के हैं. इन सभी बच्चों को निशुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है. सुबह 8 बजे से दोपहर 3 बजे तक बच्चों की पढ़ाई कराई जाती है. उसके बाद दो घंटे तक बच्चों से अन्य गतिविधियां कराई जाती हैं. जब सेवा साथी आश्रम से घर जाते हैं तो बच्चों को साथ लेकर जाते हैं.
...ताकि समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें -प्राचार्य रेखा रानी ने बताया कि आश्रम में ऐसे बच्चे निवास कर रहे हैं, जो या तो मानसिक विमंदित मां के साथ यहां पहुंचे या उन्होंने आश्रम में ही जन्म लिया है. उनके पिता और परिवार साथ नहीं हैं. ऐसे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर उन्हें योग्य बनाकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ना ही हमारा उद्देश्य है.
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2 एकड़ में ढाई करोड़ की लागत से बना स्कूल -आश्रम संस्थापक डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि करीब दो एकड़ जमीन में करीब ढाई करोड़ की लागत से स्कूल तैयार किया गया है. फिलहाल स्कूल 7वीं कक्षा तक संचालित है. अगले सत्र में कक्षा 8वीं तक पढ़ाई शुरू हो जाएगी. वहीं, हमारा उद्देश्य आगे भी पढ़ाई में विस्तार का रहेगा.
बच्चों का भविष्य संवार रहा आश्रम अत्याधुनिक शिक्षा सुविधा -डॉ. भारद्वाज ने बताया कि स्कूल में 16 हॉल हैं. पढ़ाने के लिए 12 शिक्षक उपलब्ध हैं. इसके अलावा स्कूल में एक कंप्यूटर लैब भी है, जिसमें 12 कंप्यूटर लगाए गए हैं. यहां हर दिन बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा दी जाती है. साथ ही पुस्तकालय की सुविधा भी है. बच्चों को समय-समय पर सांस्कृतिक गतिविधि, पेंटिंग, गेम्स आदि भी कराए जाते हैं, जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके.
गौरतलब है कि अपना घर आश्रम की नेपाल समेत पूरे देश में शाखाएं संचालित हैं, जिनमें हजारों की संख्या में असहाय और निराश्रित लोगों की सेवा व उपचार किया जाता है. भरतपुर के बझेरा स्थित अपना घर आश्रम में करीब 5 हजार से अधिक प्रभुजन (महिला-पुरुष) और करीब 190 बच्चे निवासरत हैं.