भरतपुर.कोयले की कमी से लगातार बिजली का संकट बढ़ता जा रहा है. जिले में तेज गर्मी के कारण पिछले (Power Cuts in Bharatpur) साल की तुलना में इस साल बिजली की खपत 30% तक बढ़ गई है. जबकि जिले में मांग के अनुरूप बिजली उपलब्ध नहीं हो पा रही है. ऐसे में कोयले की कमी, बिजली तंत्र में कम फ्रीक्वेंसी और तेज गर्मी के कारण उपलब्ध बिजली और मांग में अंतर लगातार बढ़ रहा है. अगर यही हालात रहे तो जिलावासियों को ब्लैकआउट जैसे संकट का भी सामना करना पड़ सकता है. बिजली विभाग के आला अधिकारियों ने जिलावासियों से बिजली का दुरुपयोग नहीं करने की अपील की है.
एक्सईएन विवेक शर्मा ने बताया की भरतपुर जिले के छोंकरवाड़ा, नदबई और भरतपुर को 220 केवी जीएसएस से बिजली दी जा रही है. इसके अलावा जिले में 132 केवी लाईनों से अलवर, करौली और धौलपुर जिलों से बिजली ली जाती है. अप्रैल 2021 में जिले की बिजली खपत 39.11 लाख यूनिट प्रतिदिन हुआ करती थी. ये खपत अप्रैल 2022 में बढ़कर 49.40 लाख यूनिट प्रतिदिन हो गई है. यानि क्षेत्र में बिजली खपत पिछले साल की तुलना में 25 से 30% तक बढ़ गई है. जिले में हर दिन औसतन 55 लाख यूनिट बिजली की जरूरत है, लेकिन वर्तमान में 45 लाख यूनिट ही बिजली मिल पा रही है.
आखिर क्यों गड़बड़ाता है बिजली तंत्र:एक्सईएन शर्मा ने बताया की तापमान बढ़ने पर उपभोक्ता (Increased Consumption of Electricity in Rajasthan) ज्यादा बिजली उपयोग करने लगते हैं. इस कारण ट्रांसफार्मर में तेल गर्म और अर्थिंग में पानी सूखने से समस्या पैदा होने लगती है. इसके अलावा लोड बढ़ने पर फीडर के तारों (कन्डक्टर) में अधिक बिजली बहने और क्षेत्र में अधिक तापमान के कारण तार टूटने की भी घटनाएं सामने आती हैं. जिस कारण बिजली तंत्र गड़बड़ाने लगता है. जेवीवीएनएल ने ऐसी समस्या से बचने के लिए सभी कार्मिकों की बैठक में विद्युत तंत्र पर लगातार नजर रखने और मेंटेनेंस करने को कहा. साथ ही जरूरत पड़ने पर तंत्र में सुधार करने के निर्देश दिए हैं.
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