डीग (भरतपुर).हरे-भरे उद्यानों में लठमार होली के ही नजारे हैं, बिखराते रंगीन छटा फव्वारे है. अलगोजों पर लोकगीत का श्रृंगार है. बाजे संग भपंग, और मुरली की तान है. कुछ ऐसा ही नजारा इन दिनों डीग के जल महल में दिखाई दे रहा है. विश्व विख्यात और स्थापत्य कला के बेजोड़ नमूने डीग के जल महल में हाइड्रोलिक सिस्टम से चलने वाले रंगीन फव्वारे विश्व विख्यात है. राजस्थान पर्यटन विभाग की ओर से ब्रज महोत्सव-2020 को लेकर जल महलों में रंगीन फव्वारों का प्रदर्शन किया गया.
इस दौरान हरे-भरे उद्यानो में राजस्थान लोक सांस्कृति को बढ़ावा देने के लिए लोक कलाकारों की ओर से अपनी लोक कलाओं की प्रस्तुति दी गई. जिसमें कच्ची घोड़ी, कालबेलिया नृत्य, भपंग वादक, ढोला गायन, शहनाई वादन, सहरिया नृत्य, खारी नृत्य, तेरहताल नृत्य, चकरी नृत्य जैसे रंगारग कार्यक्रमों ने जल महलों में समा बांध दिया. जैसे ही दोपहर बाद फव्वारे चलने शुरू हुए चारों ओर जल महल के मनोरम उद्यानों मे हजारों फुब्बारों की कृत्रिम वर्षा से वातावरण में एक अवर्णीय मादकता अनुपम सौंदर्य और अविस्मणिय इन्द्र धनुषी छटॉ उत्पन्न हो गई.