राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

भरतपुर के डीग में पीने के पानी की भारी किल्लत, बूंद-बूंद को तरस रहे लोग

प्रदेश में गर्मी आते ही पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. ऐसा ही एक गांव भरतपुर में है. जहां लोगों को पानी की एक-एक बूंद के लिए बड़ी जद्दोजहद करनी पड़ती है. इस दौरान गांव की महिलाओं ने पानी के लिए अपनी परेशानी बयां की.

By

Published : Jun 4, 2019, 9:20 PM IST

भरतपुर के डीग में पानी की भारी किल्लत

भरतपुर.प्रचंड गर्मी से जहां लोगों की हालत खराब है. तो दूसरी तरफ पीने के पानी की किल्लत भी बरकरार है. आलम ये है कि पानी के लिए परिवार की महिलाओं सहित पुरूषों को बड़ी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. महिलाओं को सुबह जल्दी 3:30 या 4:00 बजे जागना पड़ता है. जिससे भीड़ के बीच कुएं से पानीभर कर ला सकें. जिसके लिए महिलाओं को लंबी लाइन में घंटों तक पानी भरने के लिए खड़ा रहकर इंतजार करना पड़ता है.

बूंद-बूंद को तरस रहे लोग
राजस्थान का पूर्वी द्वार कहा जाने वाला भरतपुर जिला यूं तो एक लंबे समय से पानी की कमी से जूझ रहा है. यह जिला सिर्फ बरसात पर निर्भर रहता है. जहां पानी आपूर्ति के लिए अन्य कोई स्रोत नहीं है. लिहाजा यहां की जमीन के करीब 400 फीट तक पानी का लेवल नीचे जा चुका है. यदि इतनी ज्यादा गहराई पर पानी निकालना भी पड़ता है तो वह खारा पानी निकलता है. जो पीने योग्य नहीं है. बात करें जिले की तहसील डीग की तो, यहां के सभी गांव में हमेशा की तरह आज भी पानी की किल्लत बरकरार है. डीग तहसील की ग्राम पंचायत ऐसी पंचायतें हैं जहां सैकड़ों गांव ऐसे हैं जो पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. जहां लोग नहाना तो दूर पीने के पानी को भी तरस जाते हैं.

एक कुएं के सहारे सैकड़ों ग्रामीण
ग्रामीणों ने कहा कि पानी की समस्या से जूझना ग्रामीणों के लिए किसी कारगिल की लड़ाई लड़ने से कम नहीं है. डीग तहसील के मवई गांव में ग्रामीणों के लिए सिर्फ एक कुआं है. काफी पुराना है जो राजाओं ने बनवाया था लेकिन आज वह सैकड़ों लोगों की प्यास बुझाने में विफल साबित हो रहा है. क्योंकि यदि पानी भर लेते हैं तो यह सूख जाता है और बाद में लोगों को फिर घंटों तक पानी आने का इंतजार करना पड़ता है.

घंटों लाइन में खड़े रहकर करना पड़ा है पानी के लिए इंतजार
गांव की महिलाओं ने पानी के संकट पर अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि रात में सोने के लिए भी समय नहीं मिलता, ना ही दिन में आराम का समय मिलता है. क्योंकि गांव में पानी के लिए सिर्फ एक ही कुआं उपलब्ध है और गांव की सभी महिलाओं को सुबह जल्दी रात में ही जाना पड़ता है. जिससे कुएं पर जाकर पानी भरा जाए. उसमें भी महिलाओं की भीड़ लग जाती है. लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करने के लिए घंटो बीत जाते हैं.

भरतपुर के डीग में पानी की भारी किल्लत

दिन हो या रात...पानी के लिए चक्कर लगाती महिलाएं
उन्होंने बताया कि महिलाओं को 7 से 8 चक्कर तक के पानी भरने के लिए लगाने पड़ते हैं. इसमें महिलाओं का पूरा दिन बीत जाता है. लेकिन फिर शाम को इसी तरह पानी भरने का सिलसिला शुरू हो जाता है. जो देर रात तक चलता है. महिलाओं का आरोप है कि नेता वोट लेने के लिए यहां आते हैं और उनको पानी उपलब्ध कराने का आश्वासन देकर चले जाते हैं. लेकिन जीतने के बाद उनके आश्वासन झूठे साबित होते हैं.

पूर्व राजपरिवार के सदस्य कुंवर अरुण सिंह की प्रतिज्ञा भी नहीं हुई पूरी
दूसरी तरफ गांव वालों ने बताया कि वर्ष 2008 में परिसीमन से डीग विधानसभा से विधायक रहे पूर्व राजपरिवार के सदस्य कुंवर अरुण सिंह ने पानी के लिए प्रतिज्ञा तक ली थी. बताया गया कि उन्होंने कसम खाई थी कि उनके क्षेत्र में पानी उपलब्ध नहीं हो जाता तब तक वह अपनी शादी नहीं करेंगे और अरुण सिंह का 55 वर्ष की उम्र में ही वर्ष 2006 में देहांत हो गया. लेकिन आज तक यहां पानी नहीं आ सका. आपको बता दें कि अरुण सिंह भरतपुर रियासत के अंतिम शासक सवाई बृजेंद्र सिंह के छोटे भाई राजा बच्चू सिंह के इकलौते पुत्र थे. जो डीग विधानसभा से 5 बार लगातार निर्दलीय विधायक रहे. उन्होंने आजीवन शादी नहीं की क्योंकि उन्होंने प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक उनके क्षेत्र में पानी उपलब्ध नहीं होगा. तब तक वह शादी नहीं करेंगे और मरने तक उनकी दोनों ही प्रतिज्ञा पूरी नहीं हो सकी.

पानी की किल्लत के चलते गांव के लड़कें कुंवारे
आज उनके चचेरे भाई विश्वेन्द्र सिंह कांग्रेस सरकार में मंत्री हैं. गांव वालों ने बताया कि यहां हमेशा ही पानी की किल्लत के चलते यहां के युवा शादी के बगैर कुंवारे ही रह रहे हैं. क्योंकि पानी की कमी के चलते लोग अपनी बेटियों की शादी यहां के युवाओं के साथ करने से परहेज करते हैं. क्योंकि कोई भी अपनी बेटी की शादी उस क्षेत्र में नहीं करना चाहता. जहां पीने के लिए पानी नहीं हो.

ABOUT THE AUTHOR

...view details