भरतपुर.अब तक शादी से पहले लड़का और लड़की की कुंडली का मिलान किया जाता रहा है. लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह मानें तो अब कुंडली के साथ ही स्वास्थ्य कुंडली का मिलान भी कराना चाहिए. क्योंकि शादी से पहले लड़का और लड़की की स्वास्थ्य जांच नहीं कराने की वजह से भावी पीढ़ी यानि कि बच्चों को थैलेसीमिया और हीमोफीलिया जैसी कई गंभीर अनुवांशिक बीमारियां मिल रही है.
ऐसे में विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि बच्चों को इन बीमारियों से बचाने का सबसे सही तरीका यही है कि शादी से पहले काउंसलिंग कर लड़का और लड़की दोनों की स्वास्थ्य जांच करा ली जाए.
थैलेसीमिया बीमारी से यूं संभव है बचाव...
भरतपुर आरबीएम अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. वीरेंद्र ठाकुर ने बताया कि बच्चों में थैलेसीमिया बीमारी का सबसे बड़ा कारण उनके माता-पिता होते हैं. यह एक आनुवांशिक बीमारी है और इससे बचाव का सही तरीका यही है कि शादी से पहले लड़का और लड़की दोनों की जांच कर इस बारे में पता कर लिया जाए. वहीं चिकित्सा विभाग के ब्लड सेल के फील्ड ऑफिसर पवन कुमार शर्मा ने बताया कि यदि लड़का और लड़की दोनों थैलेसीमिया माइनर हैं तो उनके बच्चे में थैलेसीमिया मेजर होने की पूरी संभावना रहती है. ऐसे में यदि लड़का और लड़की की स्वास्थ्य जांच कर शादी से पहले ही इस बीमारी के बारे में पता चल जाए तो दोनों को शादी नहीं करनी चाहिए, ताकि होने वाला बच्चे को इस गंभीर बीमारी का नुकसान न उठाना पड़े. इसी प्रकार हीमोफीलिया बीमारी से भी बचाव संभव है.
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यूं भी कर सकते हैं बचाव...
पवन कुमार ने बताया कि यदि शादी से पहले लड़का और लड़की अपने स्वास्थ्य जांच नहीं करा पाते हैं तो गर्भावस्था के दौरान 10 से 12 सप्ताह की गर्भ की जांच भी कराई जा सकती है. यदि जांच में बच्चा थैलेसीमिया मेजर पाया जाता है तो उसका गर्भावस्था के दौरान ही उपचार संभव है और वह स्वस्थ जीवन जी सकता है.
क्या है थैलेसीमिया बीमारी...