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गुर्जर आरक्षण आंदोलन: पहले गुट ने कहा, कर्नल बैंसला से आंदोलन समाप्त करने की करेंगे अपील - Bharatpur latest news

राजस्थान में गुर्जर आरक्षण की 'आग' फिलहाल थमती नजर नहीं आ रही है. हालांकि, समाज के एक गुट ने 31 अक्टूबर को जयपुर जाकर सरकार के साथ वार्ता करते हुए 14 बिंदुओं पर समझौता कर लिया था. जबकि दूसरा धड़ा 1 नवंबर यानी रविवार के दिन पहले से प्रस्तावित आंदोलन के अनुसार बयाना के पीलूपुरा में रेल पटरियों पर बैठ गया और हंगामा शुरू कर दिया.

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2 भागों में बटा गुर्जर समाज

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Published : Nov 2, 2020, 6:12 PM IST

Updated : Nov 2, 2020, 7:21 PM IST

पीलूपुरा (भरतपुर). आरक्षण समेत कई मांगों को लेकर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में समाज के लोग एक बार फिर रेल की पटरी पर डटे हुए हैं. वहीं, दूसरी तरफ आसपास के 80 गांवों के लोग नोरोली जसपुरा में बैठक करके अपनी रणनीति बना रहे हैं.

ये सभी उस गुट के लोग हैं जो कि शनिवार को जयपुर में गुर्जर समाज की विभिन्न मांगों को लेकर सरकार के प्रतिनिधियों से वार्ता कर चुके हैं. साथ ही 14 बिंदुओं पर सहमति जताई थी. इस बैठक में सरकार से वार्ता करने वाले 41 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल के सदस्य भी शामिल हैं. बैठक में क्या रणनीति बनी है, इसको लेकर अभी तक कुछ साफ नहीं हो पाया है. लेकिन, अभी तक इन लोगों की रेलवे ट्रैक पर जारी आंदोलन में भूमिका नहीं बन पाई है.

पढ़ेंःबैंसला की दो टूक, कहा- सरकार हमारी मांगें पूरी करे...चांदना को लेकर कही ये बात

आपको बता दें कि गुर्जर आरक्षण को लेकर इससे पहले किरोड़ी सिंह बैंसला की ओर से अल्टीमेटम देने के दौरान 41 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने जयपुर जाकर सरकार से वार्ता की थी. इसमें गुर्जर नेता हिम्मत सिंह बैंसला भी शामिल थे.

सरकार के साथ 14 बिंदुओं पर बनी सहमति को कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने मानने से इनकार कर दिया था. इसके बाद कर्नल के नेतृत्व में रविवार को पीलूपुरा में महापंचायत हुई. जहां एक बार फिर आंदोलन करने को लेकर सहमति बनी. उसके बाद से ही समाज के लोग दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक को जाम करके बैठे हुए हैं.

किरोड़ी सिंह बैंसला से मिलेंगे विरोधी दल के लोग

आरक्षण समेत कई मांगों को लेकर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में समाज के लोग एक बार फिर रेल की पटरी पर डटे हुए हैं. वहीं, दूसरी तरफ आसपास के 80 गांवों के लोग नोरोली जसपुरा में बैठक करके अपनी रणनीति बना रहे हैं. इस रणनीति में यह तय हुआ है कि विरोधी गुट किरोड़ी बैंसला से बात कर आंदोलन को समाप्त करने की बात रखेंगे. बताया जा रहा है कि आने वाले तीज-त्योहारों के चलते इस बात पर यह निर्णय लिया गया है.

Last Updated : Nov 2, 2020, 7:21 PM IST

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