डीग (भरतपुर). जिले के ग्राम पसोपा में जारी धरने के 62वें दिन मानमंदिर के अध्यक्ष व संरक्षण समिति के संरक्षक राधाकांत शास्त्री ने उपस्थित सभी पदाधिकारियों की सर्वसम्मति से ब्रज गोपी दल का गठन किया. उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पूर्व ही संगठन समिति के अंतर्गत ब्रज युवा दल का गठन किया गया था, ताकि इस आंदोलन में ब्रज के युवाओं की भागीदारी बड़ी संख्या में सुनिश्चित की जा सके.
इस आंदोलन में संपूर्ण ब्रज में महिलाओं की सहभागिता व उनके अधिक से अधिक योगदान की दृष्टि से एक स्वतंत्र ब्रज गोपी दल का गठन किया गया. जिसका कार्य संपूर्ण ब्रज के हर गांव में महिलाओं से चर्चा कर उनको ब्रज की संस्कृति व पहाड़ों की स्थिति की वर्तमान दशा के बारे में जागरूक कर इस आंदोलन से जोड़ना है. आगामी महापड़ाव में अधिक से अधिक संख्या में इन महिलाओं की उपस्थिति रहे, उसको सुनिश्चित करना है. समिति ने ब्रज गोपी दल के अध्यक्ष के रूप में साध्वी वत्सला देवी व उपाध्यक्ष के रूप में आराधना को नियुक्त किया गया.
वत्सला देवी ने इस मौके पर कहा कि ब्रज की गोपियां बहुत शक्तिशाली हैं. कंस बरसाना में नहीं आ पाया, क्योंकि ब्रज की गोपियों ने उसके पराक्रम को अपने तेज से ध्वस्त कर दिया था. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि ब्रज के हर गांव से कम से कम 50 से 60 महिलाएं इस आंदोलन व आगामी महापड़ाव में सम्मिलित हों, इस दृष्टि से उनके लिए समुचित व्यवस्था भी की जाएगी.
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वहीं समिति के संरक्षक राधा कांत शास्त्री ने कहा कि ब्रज गोपी दल का गठन इस आशय से किया गया है कि ब्रज के सर्वांगीण विकास में महिलाओं का बढ़-चढ़कर योगदान हो. इस दल का गठन न केवल पहाड़ों के संरक्षण की दृष्टि से अपितु ब्रज की संस्कृति, हमारी पौराणिक परंपरा, प्राचीन मान्यता एवं पर्यावरण को भी उत्तरोत्तर विकसित करने के लिए ब्रज क्षेत्र की महिलाएं बढ़ चढ़कर व संगठित होकर कार्य करें. इस अवसर पर महंत शिवराम दास, पसोपा सरपंच सुल्तान सिंह, साध्वी गौरी, मधुबनी, बृजबाला, तुंगविद्या, राधादासी, मिरादासी, ब्रजकिशोरी आदि उपस्थित रहे.
आगामी महापड़ाव में ब्रज क्षेत्र के हर आश्रम मथुरा मंदिर से सम्मिलित होंगे साधु संत
वहीं धरना स्थल पर गुरुवार को धरनार्थियों ने आगामी महापड़ाव के लिए अलग-अलग मठ मंदिर संप्रदाय के लोगों को धरना स्थल पर आमंत्रित किया और अधिक से अधिक संख्या में ब्रज क्षेत्र के साधु इस महापड़ाव में सम्मिलित हों, उसके लिए एक सशक्त कार्य योजना तैयार की गई. महंत शिवरामदास की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि संतों की एक टोली आगामी 20 तारीख से ब्रज के हर गांव में जाकर जितने भी आश्रम, मठ व मंदिर हैं, उनसे संपर्क कर महापड़ाव की जानकारी देंगे व हर आश्रम से अधिक से अधिक संख्या में साधु महापड़ाव में पहुंचे इसके लिए एक ठोस व्यवस्था बनाएंगे.
उन्होंने बताया कि संपूर्ण ब्रज क्षेत्र में हजारों आश्रम, मठ व मंदिर हैं. अगर हर मठ मंदिर से दो-तीन साधु भी इस महापड़ाव में पहुंचते हैं. हजारों की संख्या में साधु ब्रज के पर्वतों की रक्षा के लिए भरतपुर कूच करेंगे.