भरतपुर.गणेश चतुर्थी के अवसर पर श्रद्धालु अलग-अलग मंदिरों में जाकर गणपति की पूजा अर्चना कर रहे हैं. इस बीच हम आपको भरतपुर में स्थित भगवान गणेश के ऐसे अदभुत मंदिर के बारे मेंं बता रहे हैं, जिसे जटेश्वर गणेश जी के नाम से जाना जाता है. शहर के काली बगीची मंदिर में करीब 500 वर्ष प्राचीन बरगद का पेड़ है, जिसकी जटाओं में से एक जटा में स्वतः ही गणेश जी की आकृति उभरी हुई है. जटा रूप में विराजित गणेश जी के प्रती श्रद्धालुओं की असीम आस्था है.
जटेश्वर गणेश जी के नाम से प्रचलित : मंदिर के पुजारी सुभाष चंद्र शर्मा ने बताया कि काली मां के मंदिर परिसर में करीब 500 वर्ष प्राचीन बरगद का पेड़ है. इसमें कई जटाएं निकली हुई हैं. इन्हीं में से एक जटा का स्वरूप गणेश जी के मुख के समान है. इस जटा स्वरूप में विराजमान गणेश जी को चोला भी चढ़ाया जाता है. यहां कई दशक से जटेश्वर गणेश जी की पूजा की जा रही है.