भरतपुर. राजस्थान समेत देश के 16 से अधिक राज्यों में बिजली संकट व्याप्त (Bhanwar Singh Bhati said power crisis more than 16 states) है. बुधवार को ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि केंद्रीय कोयला मंत्रालय से हम बार-बार अतिरिक्त कोयला की मांग कर रहे हैं. लेकिन केंद्र, राजस्थान को कोयला उपलब्ध नहीं करा रहा. बरसात के मौसम में कोयला खनन प्रभावित हो जाता है. ऐसे में बिजली संकट और गहराने की आशंका है.
मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि अप्रैल महीने में बिजली संकट काफी था. राजस्थान सरकार ने बिजली खरीद के लिए अधिकतम 12 रुपए प्रति यूनिट तक बोली लगाई. बावजूद इसके बिजली उपलब्ध नहीं हो पाई. इसके पीछे कारण यह था कि सभी राज्य बिजली खरीद के लिए बोली लगा रहे थे, जिसके चलते 5, 10,या फिर 15 फीसदी बिजली ही मिल पा रही थी. यही वजह थी कि राजस्थान में उपभोक्ताओं को बिजली कटौती का सामना करना पड़ा था. हालांकि अब राजस्थान में हालात नियंत्रण में है. प्रदेश सरकार को विंड एनर्जी से काफी अच्छी मात्रा में बिजली उपलब्ध हो गई थी.
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सिर्फ 5 दिन का कोयला उपलब्ध: उन्होंने बताया कि हम अभी भी लगातार केंद्र सरकार से अतिरिक्त कोयला की मांग कर रहे हैं. हमारे पास अभी सिर्फ 5-6 दिन का कोयला ही उपलब्ध है. बाद में बारिश के मौसम में कोयला उपलब्धता की और कम हो जाती है. वहीं राजस्थान सरकार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से बात कर 2 खदानों से कोयला खनन कराने की बात भी कर रही है. लेकिन वहां पर स्थानीय लोगों का विरोध बढ़ने की वजह से वहां से भी कोयला उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.
10 फीसदी विदेशी कोयले का दबाव:मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि केंद्र सरकार राजस्थान सरकार पर 10 प्रतिशत विदेशी कोयला (इंपोर्ट कोल) लेने का दबाव बना रहे हैं. नहीं लेने पर केंद्र सरकार इसी महीने से 20 प्रतिशत कोयला की कटौती करने की बात भी कह रही है. लेकिन विदेशी कोयला 4 गुना ज्यादा महंगा होता है. इसलिए राजस्थान सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि हमें विदेशी कोयला नहीं खरीदना पड़े. क्योंकि इसका सीधा असर उपभोक्ता पर पड़ेगा.