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केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में सारस के बच्चे की मौत, घना प्रशासन ने जांच के लिए IBRI बरेली भेजा विसरा - bharatpur news

सांभर झील में विदेशी पक्षियों की बड़ी तादाद में मौत के बाद अब घना में सारस के एक बच्चे की मौत ने प्रशासन को सकते में ला दिया है. जिसके बाद प्रशासन ने स्थानीय पशुपालन विभाग के चिकित्सकों की टीम को मौके पर बुलाकर मृत सारस के बच्चे का पोस्टमार्टम कराया और जांच के लिए विसरा IBRI बरेली भेजा.

सारस के बच्चे की मौत, Death of stork child

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Published : Nov 25, 2019, 10:16 PM IST

भरतपुर.सांभर झील में बड़ी तादाद में विदेशी पक्षियों की मौत के बाद अब घना में सारस के एक बच्चे की मौत ने प्रशासन को सकते में ला दिया है. घना प्रशासन ने स्थानीय पशुपालन विभाग के चिकित्सकों की टीम को मौके पर बुलाकर मृत सारस के बच्चे का पोस्टमार्टम कराया और जांच के लिए विसरा आईबीआरआई बरेली भेजा है.

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में सारस के बच्चे की मौत

हालांकि, घना प्रशासन इसे प्रारंभिक स्तर पर प्राकृतिक मौत मान रहा है. लेकिन मौत के पीछे की असली वजह का खुलासा जांच रिपोर्ट आने के बाद ही होगा. बीएफओ मोहित गुप्ता ने बताया कि घना में सारस के बच्चे की मौत हो गई.

मृत सारस के बच्चे का पशु पालन विभाग के चिकित्सकों की टीम ने पोस्टमार्टम कराकर नियमानुसार उसका विसरा लेकर जांच के लिए बरेली स्थित आईबीआरआई लैब भेज दिया है. डीएफओ गुप्ता का कहना है कि इसे अभी तक प्राकृतिक मौत मानी जा रही है. लेकिन मौत की असली वजह का पता लैब से जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा.

पशु चिकित्सकों की टीम ने लिए पानी और मिट्टी के नमूने

डीएफओ मोहित गुप्ता ने बताया कि सोमवार को पशुपालन विभाग के चिकित्सकों की टीम ने घना पहुंचकर यहां के अलग-अलग ब्लॉक से पानी और मिट्टी के नमूने एकत्रित किए है. साथ ही पशुपालन विभाग की टीम को घना के अलग-अलग ब्लॉक और अलग-अलग पक्षियों की कॉलोनी के बारे में भी जानकारी दी गई. जिससे आपातकालीन स्थिति में उन्हें घना के बारे में जरूरी जानकारी रहे.

पढ़ें-सांभर झील में पक्षियों की मौत के बाद अब 'घना' में अलर्ट जारी, कर्मचारियों को सचेत रहने के निर्देश के साथ पशुपालन विभाग को लिखा पत्र

28 नवंबर को दिया जाएगा प्रशिक्षण

डीएफओ गुप्ता ने बताया कि सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की मौत को देखते हुए प्रारंभिक तैयारियों के लिए 28 नवंबर को पशुपालन विभाग के चिकित्सकों की टीम को घना बुलाकर यहां के कर्मचारियों को पक्षियों में होने वाली विभिन्न बीमारियों के बारे में जानकारी दी जाएगी.

साथ ही पक्षियों में बीमारी से पहले के लक्षणों को कैसे पहचाना जाए इसके बारे में भी कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. गौरतलब है कि सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की बड़ी तादाद में मौत के बाद भरतपुर के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में भी 21 नवंबर को हाई अलर्ट जारी कर दिया गया. घना में हर वर्ष करीब 400 प्रजातियों के करीब 56 हजार से अधिक पक्षी प्रवास करते हैं.

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