भरतपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सैनी समाज आरक्षण आंदोलन संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल की वार्ता के बाद भी आंदोलनकारी असहमत बने हुए हैं. मुख्यमंत्री के साथ हुई वार्ता के बाद आंदोलन स्थल पर लौटे संयोजक मुरारी लाल सैनी ने वार्ता के बिंदुओं के बारे में जानकारी दी, जिस पर आंदोलनकारियों ने स्पष्ट रूप से असहमति जता दी. 12 प्रतिशत आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत ने राजस्थान में सैनी समाज की ओबीसी की जातियों का सर्वे कराने के लिए केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखने का लिखित आश्वासन दिया है.
जबकि चिट्ठी में ना तो आंदोलनकारियों पर लगे मुकदमों पर कोई जिक्र किया गया, ना ही लव कुश कल्याण बोर्ड के गठन और ना ही लव-कुश छात्रावास पर कोई चर्चा हुई. साथ ही मंगलवार को आत्महत्या करने वाले मोहन सैनी के परिजनों के लिए मुख्यमंत्री की तरफ से कोई घोषणा की गई. ऐसे में सैनी समाज ने आंदोलन जारी रखने का फैसला लिया है. मीडिया प्रभारी डीके कुशवाहा ने बताया कि जयपुर से लौटकर धरना स्थल पर मुख्य सचिव बदन सिंह कुशवाहा ने आंदोलनकारियों को चिट्ठी पढ़कर सुनाई.
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आंदोलन स्थल पर आत्महत्या करने वाले मोहन सैनी के परिजनों को उचित मुआवजा दिलाने और सरकारी नौकरी दिलाने की धरना स्थल से मुरारी लाल सैनी, शैलेंद्र सिंह कुशवाहा और बदन सिंह कुशवाहा ने आवाज उठाई. लेकिन मुख्यमंत्री के यहां वार्ता में इस घटना को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. संयोजक मुरारीलाल सैनी ने कहा कि शहीद मोहन सैनी के परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा, उसे शहीद का दर्जा दिलाने और एक सरकारी नौकरी दिलाने की मांग पूरी नहीं होने के चलते आंदोलन स्थगित नहीं किया गया है. इसलिए आंदोलन जारी रहेगा.