भरतपुर.कहते हैं राजनीति में सब कुछ संभव है. यदि जनता चाहे तो एक गरीब के सिर पर भी ताज सजा दे और न चाहे तो अच्छे-अच्छे पद और ओहदे वाले लोगों को भी हरा दे. भरतपुर की राजनीति में भी ऐसा ही एक वाकया हुआ था. जब एक साधारण परिवार के एक 9वीं पास व्यक्ति ने चुनावी मैदान में पूर्व मुख्यमंत्री व आईएएस अधिकारी को हराया था. वर्तमान में जिले की वैर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी बहादुर सिंह कोली एक साधारण परिवार से आते हैं, लेकिन राजनीतिक समर में पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया और उनके आईएएस बेटे को मात दे चुके हैं. रोचक बात यह है कि अभी भी उनका मुकाबला कांग्रेस सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री भजनलाल जाटव से है.
पूर्व मुख्यमंत्री को दी मात :1961 में भरतपुर जिले के नदबई क्षेत्र के गांव कबई में जन्मे बहादुर सिंह कोली ने 1999 के एमपी चुनाव से राजनीति में पदार्पण किया था. 1999 में बहादुर सिंह कोली भाजपा प्रत्याशी के रूप में वैर लोकसभा से मैदान में थे. बहादुर सिंह कोली का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी व राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया से था. तब तक जगन्नाथ पहाड़िया चार बार सांसद, तीन बार विधायक, राजस्थान के मुख्यमंत्री और बिहार के राज्यपाल भी रह चुके थे, जबकि बहादुर सिंह कोली के सियासी सफर की शुरुआत थी. चुनाव में बहादुर सिंह कोली ने 2 लाख, 34,881 वोट हासिल कर पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया को 33,332 वोटों से हराया था.
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आईएएस को भी दी शिकस्त :राजनीतिक शुरुआत अच्छी होने के बाद बहादुर सिंह कोली 2008 में वैर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में विधानसभा का चुनाव लड़े. मैदान में कई प्रत्याशी थे, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया के बेटे संजय पहाड़िया भी एक थे. संजय पहाड़िया कांग्रेस के टिकट पर मैदान में थे, लेकिन बहादुर सिंह कोली की जीत हुई और संजय पहाड़िया तीसरे स्थान पर रहे थे. उसके बाद 2013 के विधानसभा चुनाव में फिर से बहादुर सिंह कोली वैर से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े. इस बार मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया के बेटे और आईएएस अधिकारी ओमप्रकाश पहाड़िया से था. ओमप्रकाश पहाड़िया कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मैदान में थे. एक बार फिर बहादुर सिंह कोली 53,649 वोट हासिल कर विजयी हुए. आईएएस ओमप्रकाश पहाड़िया को 40,226 मतों से संतोष करना पड़ा था.
दो बार विधायक व दो बार सांसद रहे कोली :बहादुर सिंह कोली अब तक दो बार विधायक व दो बार सांसद रह चुके हैं. 1999 में वैर लोकसभा से व 2014 में भरतपुर लोकसभा सीट सांसद रहे. वहीं, 2008 और 2013 में वैर विधानसभा से विधायक चुने गए.
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वैर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी के रूप में बहादुर सिंह कोली फिर से चुनाव मैदान में हैं. इनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी भजनलाल जाटव से है. भजनलाल जाटव वर्तमान में राज्य की कांग्रेस सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री व सिटिंग एमएलए भी हैं. अब दोनों की किस्मत का पिटारा 3 दिसंबर को खुलेगा.