भरतपुर. जिले के मेवात क्षेत्र के चोरों का भरतपुर समेत आसपास के करीब 200 किलोमीटर दूर तक के क्षेत्र में आतंक (Bikes theft by Bharatpur thieves) है. अलग-अलग क्षेत्रों से बाइक चोरी कर ये बदमाश मेवात में छिप जाते हैं. पिछले चार माह में पुलिस ने बाइक चोरी पर लगाम लगाने के लिए जिले में ताबड़तोड़ कार्रवाई की हैं. पुलिस ने फरवरी से मई तक करीब 398 चोरी की बाइक जब्त की हैं और करीब 350 से अधिक आरोपियों को भी गिरफ्तार किया (bike thieves arrested by Bharatpur Police) है.
ताबड़तोड़ कार्रवाई: पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने बताया कि जिले में बाइक चोरी की घटनाएं काफी संख्या में हो रही थीं. इसी को ध्यान में रखते हुए 1 फरवरी से पूरे जिले में चोरी की बाइक्स की बरामदगी और आरोपियों को पकड़ने के लिए डोर टू डोर अभियान चला रखा है. इसके लिए अलग-अलग स्पेशल टीम बनाकर कार्रवाई की जा रही है. विशेष रूप से जिले के मेवात क्षेत्र में टीमों को सख्ती से मुस्तैद कर रखा है. पुलिस की टीमों ने जिले के मेवात क्षेत्र समेत अलग-अलग क्षेत्रों में कार्रवाई कर 1 फरवरी, 2022 से 27 मई तक चोरी की 398 बाइक जब्त की (Stolen bikes recovered by Bharatpur Police) हैं. इनमें 81 वाहन संदिग्ध हैं, जिनकी जांच की जा रही है. चोरी की बाइक्स के साथ करीब 358 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है.
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200 किमी क्षेत्र में आतंक: मेवात क्षेत्र के चोरों का आतंक भरतपुर के अलावा अलवर, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत करीब 200 किलोमीटर क्षेत्र में फैला है. ये शातिर वाहन चोर बाइक चोरी कर मेवात क्षेत्र में छिप जाते हैं. पुलिस कार्रवाई में जब्त की गई बाइक्स में से 90 प्रतिशत में से स्प्लेंडर और डीलक्स बाइक सर्वाधिक (Splendor and Deluxe most stole bikes in Bharatpur) हैं. जिले में वाहन चोरी की घटनाओं में भी अधिकतर इन्हीं मॉडल की बाइक्स की चोरी के मामले सामने आते हैं. जानकारों का मानना है कि चोर अधिकतर स्प्लेंडर और डीलक्स बाइक की चोरी कर इनको आसानी से बाजार में खफा देते हैं. इन सेकंड हैंड बाइक्स के अच्छे दाम मिल जाते हैं. यदि बाइक नहीं बिकती है तो इनके कलपुर्जे भी आसानी से अच्छी कीमत में बिक जाते हैं. यही वजह है कि चोर इन्हीं दो मॉडल की बाइक्स पर नजर रखते हैं.
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चोरी के लिए कुख्यात गांव: मेवात क्षेत्र के एक गांव की तो पहचान ही चोरी की वजह से है. मेवात के इस गांव का नाम कागजों में कावानका वास है. इस गांव के अधिकतर लोग चोरी की वारदातों में लिप्त रहते हैं, जिसकी वजह से इस गांव को चोर गढ़ी के नाम से भी बुलाते हैं. तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राहुल प्रकाश के समय चोर गढ़ी गांव में पुलिस कार्रवाई कर बड़ी मात्रा में चोरी की बाइक और ट्रैक्टर बरामद किए थे. उस समय पुलिस ने गांव के कुएं, चारे के पूंज और भूसे के अंदर तक से चोरी के वाहन जब्त किए थे.