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मानसिंह हत्याकांड: 35 साल बाद आए फैसले पर क्या कहना है राजा मानसिंह की बेटी का? - Decision in Raja Mansingh case

राजा मानसिंह हत्याकांड में 35 साल बाद मथुरा की अदालत ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया है. अदालत ने डीएसपी सहित 11 पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. राजा मानसिंह की बेटी और राजस्थान सरकार में पर्यटन मंत्री रही कृष्णेन्द्र कौर दीपा ने फैसले को लेकर संतोष जताया है. कृष्णेन्द्र कौर दीपा ने इसे न्याय की जीत बताया.

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35 साल बाद आए फैसले पर क्या कहना है राजा मानसिंह की बेटी का

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Published : Jul 23, 2020, 6:54 PM IST

डीग (भरतपुर).बहुचर्चित राजा मानसिंह हत्याकांड में 35 साल बाद मथुरा की अदालत ने 21 जुलाई को डीएसपी सहित 11 पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया था. जिसके बाद कोर्ट ने 22 जुलाई को सभी दोषी पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. 35 साल बाद आए इस फैसले पर भरतपुर राजपरिवार के लोगों का रिएक्शन भी आया. राजा मानसिंह की बेटी और राजस्थान सरकार में पर्यटन मंत्री रही कृष्णेन्द्र कौर दीपा अदालत के फैसले से संतुष्ट नजर आईं.

मानसिंह हत्याकांड

कृष्णेन्द्र कौर दीपा ने कहा कि 35 साल बाद अदालत का फैसला आया है. इससे हम सभी को न्याय मिला है. डीग और भरतपुर की जनता को न्याय मिला है. कृष्णेन्द्र कौर दीपा ने डीग की जनता का आभार प्रकट किया. इस दौरान कृष्णेन्द्र कौर दीपा ने राजा मानसिंह से जुड़ी यादों को लोगों के साथ साझा किया और इस केस को इसके अंजाम तक पहुंचाने की पूरी कहानी लोगों के साथ साझा की. उन्होंने लोगों को बताया कि किस तरह 1700 सुनवाई और 23 जज बदलने के बाद 35 साल के लंबे समय के बाद उनको और भरतपुर की जनता को इंसाफ मिला है. कृष्णेन्द्र कौर दीपा के बेटे दुष्यंत सिंह ने कहा कि यह केस भरतपुर की जनता की भावनाओं के साथ जुड़ा हुआ था. आखिरकार राजा मानसिंह को इंसाफ मिला है.

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कृष्णेन्द्र कौर दीपा ने गुरुवार को डीग कस्बे की पुरानी मंडी में अपने पिता राजा मानसिंह के शहीद स्थल पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. डीग कस्बे की यह वही पुरानी मंडी है जहां पुलिस ने राजा मानसिंह का एनकाउंटर किया था. जिसके बाद प्रदेश में राजनीतिक भूचाल आ गया था और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर को इस्तीफा देना पड़ा था. कृष्णेन्द्र कौर दीपा अपने बेटे दुष्यंत सिंह के साथ पुरानी मंडी पहुंची और राजा मानसिंह के स्मारक पर फूल अर्पित किए.

21 फरवरी, 1985 को विधानसभा चुनाव के दौरान डीग में राजघराने के झंडे को किले से हटाने से नाराज राजा मानसिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर के हेलीकॉप्टर और मंच को कार से तोड़ दिया था. जिसके बाद अगले दिन पुलिस ने अनाज मंडी में राजा मानसिंह को घेर कर फायरिंग की, जिसमें उनकी मौत हो गई थी. इस घटना के बाद राजस्थान सहित कई राज्यों में हालात बेकाबू हो गए थे. इस घटना के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर को इस्तीफा तक देना पड़ा था.

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