भरतपुर. जिले के नदबई में महापुरुषों की जिन मूर्तियों की स्थापना पर रार छिड़ी हुई है, असल में उन मूर्तियों की स्थापना के लिए नगरपालिका से टेंडर की प्रक्रिया ही पूरी नहीं की गई. वहीं, अब इस मामले में नगरपालिका नदबई की घोर लापरवाही उजागर हुई है. साथ ही अब पूरे मामले की शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में भी की गई है. यहां तक कि स्वायत्त शासन विभाग के उपनिदेशक क्षेत्रीय ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए नगरपालिका नदबई के अधिशाषी अधिकारी को नोटिस भेजा है. इस नोटिस से ही नगरपालिका की लापरवाही उजागर हुई है. साथ ही साफ हो गया है कि नगरपालिका बिना टेंडर प्रक्रिया पूरी किए आनन-फानन में मूर्ति स्थापना के प्रयास में था.
नोटिस से खुला राजःस्वायत शासन विभाग के उपनिदेशक क्षेत्रीय की ओर से 13 अप्रैल को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि नगरपालिका नदबई क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर मूर्ति लगाया जाना नगरपालिका ने प्रस्तावित किया था. मूर्ति लगाए जाने की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति के बाद कार्यादेश जारी नहीं होने की भी बात कही गई है. कार्यालय संभागीय आयुक्त में 13 अप्रैल को हुई बैठक में जिला कलेक्टर की ओर से रिपोर्ट प्रेषित की गई थी. जिसके आधार पर कानून व शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मूर्ति स्थापना की कमेटी की ओर से तीनों अनुमति 31 मार्च, 10 अप्रैल और 12 अप्रैल पर वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सर्वसम्मति से पुर्नविचार कर स्थगित करने का निर्णय लिया गया है. साथ ही बताया गया कि तीनों मूर्तियों की अभी तक टेंडर प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पाई है.
इसे भी पढ़ें - महापुरुषों की मूर्ति स्थापना को लेकर विवाद, मंत्री विश्वेंद्र सिंह के आश्वासन पर समाप्त हुआ धरना