भरतपुर के मेवात के 130 गांवों में सक्रिय हैं असम, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल की 21 हजार फर्जी सिम...इन्हीं से करते हैं देशभर में ऑनलाइन ठगी - Bharatpur Police campaign to deactivate fake SIMs
ऑनलाइन ठगी की वारदातों के लिए कुख्यात भरतपुर के मेवात क्षेत्र को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. पुलिस ने क्षेत्र के 130 गांवों की कॉल डिटेल निकाली, तो पता चला कि यहां असम, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल की हजारों सिम एक्टिवेट (Fake SIM activate in Mewat for online fraud) हैं. इन्हीं के जरिए ऑनलाइन ठगी की जाती है. अब पुलिस ने ऐसी करीब 21000 सिमों को बंद कराने की कवायद तेज कर दी है.
भरतपुर के मेवात के 130 गांवों में सक्रिय हैं असम, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल की 21 हजार फर्जी सिम...इन्हीं से करते हैं देशभर में ऑनलाइन ठगी
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Published : Jun 6, 2022, 7:40 PM IST
भरतपुर. देशभर में ऑनलाइन ठगी की वारदातों के लिए कुख्यात भरतपुर का मेवात क्षेत्र अब पुलिस के राडार पर है. पुलिस लगातार मेवात क्षेत्र के कॉल डिटेल पर नजर बनाए हुए है. भरतपुर पुलिस ने बीते दिनों में जिले के मेवात क्षेत्र के 8 थाना क्षेत्रों के करीब 130 गांव की कॉल डिटेल को खंगाला, जिसमें चौंकाने वाला तथ्य सामने आया. जांच में सामने आया है कि मेवात क्षेत्र में असम, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल की हजारों सिम एक्टिवेट हैं, जिनका इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी की वारदातों में किया जा रहा है. अब पुलिस प्रशासन ऐसी सिम को बंद कराने की कवायद तेज कर रहा (Bharatpur Police campaign to deactivate fake SIMs) है.
खंगाली एक करोड़ कॉल डिटेल:पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने बताया कि क्षेत्र में ऑनलाइन ठगी की वारदातों को देखते हुए करीब 1 करोड़ से अधिक कॉल डिटेल को खंगाला गया है. बीते दिनों की इस पड़ताल में सामने आया है कि मेवात क्षेत्र में असम, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के एड्रेस पर जारी हुई सिमों का इस्तेमाल सर्वाधिक किया जा रहा है. एसपी ने बताया कि अभी तक पुलिस प्रशासन अन्य राज्यों की ऐसी करीब 21 हजार से अधिक सिमों को चिह्नित कर चुका है, जो कि मेवात क्षेत्र में एक्टिवेट हैं. पुलिस का मानना है कि ये सिम किसी अन्य के नाम पर जारी हुई हैं और इनका इस्तेमाल कोई और कर रहा है. संबंधित सिम कंपनियों को इस संबंध में लिखा जाएगा और इन फर्जी सिमों का री-वेरिफिकेशन करा बंद कराने का प्रयास किया जाएगा.
सिम एक्टिवेट करा लाते हैं: जानकारी के अनुसार मेवात के ठग अन्य राज्यों के एड्रेस पर उसी राज्य में सिम खरीदते हैं. उन सिमों को वहीं पर एक्टिवेट करवाया जाता है. उसके बाद उन्हें मेवात लाकर ऑनलाइन ठगी में इस्तेमाल किया जाता है. जब कोई ठगी की वारदात होती है, तो सिम राजस्थान के बजाय अन्य राज्य के नाम और पते पर जारी होने की सूचना मिलती है और असली ठग पुलिस पकड़ से बचा रहता है. जानकारी के अनुसार जिले के मेवात क्षेत्र के कामां, पहाड़ी, जुरहरा, कैथवाड़ा, खोह, गोपालगढ़, सीकरी, नगर थाना क्षेत्र के 130 गांवों पर पुलिस की नजर है. मेवात के इन्हीं गांवों से देशभर के अलग-अलग राज्य और शहर के लोगों को ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाया जाता है.
गौरतलब है कि भरतपुर जिले का मेवात क्षेत्र ऑनलाइन ठगी की वारदातों के चलते पूरे देश में बदनाम है. अब तक यहां के ठगों ने देश के करीब 9 राज्यों से अधिक के हजारों लोगों को ठगी का शिकार बनाया है. कई बार पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए ठगों को गिरफ्तार भी किया है और दूसरे राज्यों की पुलिस को भी सौंपा है. बावजूद इसके मेवात क्षेत्र में ठग सक्रिय हैं और उन पर पूरी तरह से लगाम नहीं लग पाई है.